राजनीतिक बदजुबानी और बदगुमानी के इस दौर में, जबकि आजादी की लड़ाई के नुमाइंदे हमारे पुरखों की ऐतिहासिक विरासत की इबारत में जहर घोलने की कोशिशें परवान पर हैं, जवाहरलाल नेहरू की राष्ट्रीय-पुण्यायी का सस्वर, समवेत पुनर्पाठ अपरिहार्य होता जा रहा है। सारे भारतवासियों को, जो राष्ट्र-निर्माण में जवाहरलाल नेहरू …
Read More »राम-मंदिर की ‘ब्लॉक-बस्टर’ सफलता के बाद क्या भाजपा की राहें बदलेंगी? – उमेश त्रिवेदी
न्याय-अन्याय और राजनीति की कसौटियों पर लगभग अयोध्या के 134 साल पुराने राम-मंदिर के कानूनी-विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के 1045 पेजों के वृहदाकार फैसले की परतों का विश्लेषण लंबे समय तक होता रहेगा, क्योंकि विभिन्न कोणों से होने वाली इसकी विवेचनाओं के ’शेड्स’ इसके कैनवास के चरित्र को अपने-अपने तरीके …
Read More »अयोध्याः लम्बे विवाद पर पूर्ण विराम-राज खन्ना
सुप्रीम अदालत ने कोई गुंजाइश नही छोड़ी है। बेशक वक्त लंबा लगा। पर उसका फैसला क्रियान्वयन के लिए किसी अवसर की गुंजाइश नही छोड़ता। सरकार को तीन महीने के भीतर मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट का गठन करना और निर्माण की प्रक्रिया तय करनी है। यह मुमकिन नही है कि …
Read More »20 अक्टूबर 1962 को हुए चीनी हमले के 57 साल बाद ? -राज खन्ना
पराजय-अपमान से जुड़ी तारीखें कौन याद रखना चाहेगा ? पर उनसे मुँह चुराना भारी पड़ता है। चीनी हमले की तारीख 20 अक्टूबर 1962 को इसी लिए याद किया जाना चाहिए। सीख-सबक के लिए। याद रखने के लिये के लिए कि वक्त पर मिली चेतावनी की अनदेखी की देश को कितनी …
Read More »हनी ट्रैप कांड और पुरूषवादी समाज – रघु ठाकुर
पिछले लगभग एक माह से म.प्र. की राजनीति और मीडिया में हनी ट्रैप कांड प्रमुखता पर है, ऐसे कांड का प्रमुखता से होना स्वाभाविक भी है, क्योंकि प्रदेश की राजनीति पर इसके कई प्रकार के प्रभाव संभावित है। हनी ट्रैप कांड जैसे कांड बंधे समाज में एक हलचल पैदा करते …
Read More »भूपेश बघेलःसांस्कृतिक राजनीति का नया चेहरा – दिवाकर मुक्तिबोध
महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर भाजपा को आइना दिखाने का काम यदि किसी ने किया है तो वे भूपेश बघेल हैं, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री। गांधी जी के नाम की माला जपकर राजनीतिक रोटी सेंकने की भाजपा की कोशिश को उस समय बडा धक्का लगा जब भूपेश बघेल ने भाजपा …
Read More »जेपी और संघ-जनसंघ – राज खन्ना
(जयप्रकाशजी (जेपी) की जयंती 11 अक्टूबर पर विशेष) जेपी -जनसंघ एक आशे ( जेपी -जनसंघ एक हैं )।तब कलकत्ता में लगे ये पोस्टर कम्युनिस्ट पार्टी ( मार्क्सवादी ) की जेपी के प्रति नाराजगी का इजहार कर रहे थे। पार्टी के तत्कालीन महासचिव ई.एम.एस. नम्बूदरीपाद जयप्रकाश नारायण ( जेपी) से मुलाकात …
Read More »बापू के डेढ़ सौ साल और कांग्रेस-राज खन्ना
बापू के रास्ते चलें न चलें, उनकी चर्चा होती रहती है। देखने-सुनने में उनकी बातें और सीख भले सरल-सहज लगें। पर आचरण में उतारना उतना ही जटिल। और ऐसा नही कि उनके जाने के बाद ऐसा हुआ। जीवनकाल में ही बापू को इसका अहसास भी हो गया था। आजादी नजदीक …
Read More »नसीहत के ‘दीपक’ से रोशन होगा कांग्रेसी कुनबा – अरुण पटेल
पन्द्रह साल के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं की अपेक्षा और उम्मीद यह थी कि जब पार्टी सत्ता में आई है तो पुरानी कार्य-संस्कृति और शासन-प्रशासन के उस रवैये में बदलाव का अहसास होगा जिसका दंश वे डेढ़ दशक से भुगत रहे थे। कार्यकर्ताओं की पीड़ा बेबसी और मनोभावों को पूरी शिद्दत …
Read More »किसान का कर्ज : समस्या व निदान -रघु ठाकुर
किसानों और खेती की स्थिति लगभग हर वर्ष पीड़ा दायक रहती है, क्योंकि कृषि लगभग प्रकृति पर निर्भर है। किसानों और कृषि क्षेत्र के समक्ष निम्न प्रकार के संकट आते हैं :- सूखा, 2. बाढ़़, 3. ओलावृष्टि, 4. अति वृष्टि, 5. कीड़ों का प्रकोप, 6. तुषार (पाला), शायद ही कोई …
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