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आलेख

घर के चिराग’ ही कहीं जला न डालें कांग्रेस का आशियाना – उमेश त्रिवेदी

जवाहरलाल नेहरू के राजनीतिक अवमूल्यन के लिए सरदार वल्लभभाई पटेल के समकक्ष खड़े करना जहां संघ-जनित-भाजपा के एजेण्डे का पहला पाठ है, वहीं संघ के मंच पर प्रणव मुखर्जी को खड़ा करके गरजती तोपों की तरह उनका मुंह कांग्रेस की ओर मोड़ देना दूसरा पाठ है। राजनीति में सक्रिय, निष्क्रिय …

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गांधी-नेहरू परिवार को ‘एकाकी’ बनाने की रणनीति – उमेश त्रिवेदी

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ऑफिसर ट्रेनिंग कैंप (ओटीसी) के तृतीय वर्ष संघ शिक्षा वर्ग के दीक्षान्त समारोह में पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी की शिरकत पिछले दस-पंद्रह सालों में घटित वो राजनीतिक घटनाक्रम है, जिसका फलक व्यापक और गहरा है। राजनीतिक विमर्श में यह मास्टर-स्ट्रोक इसलिए है कि शायद पहली मर्तबा …

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संघ के कार्यक्रम में प्रणव दा की शिरकत के दूरगामी नतीजे – उमेश त्रिवेदी

देश की राजनीति में, खासतौर से कांग्रेस के हलकों में, इस सवाल का जवाब हमेशा सवाल बना रहेगा कि अपनी जिंदगी के साठ वर्षों तक कांग्रेस की ओर से आरएसएस और भाजपा विरोधी पोलिटिक्स करने वाले पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को नागपुर में आयोजित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यक्रम में …

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राहुल के ‘ब्रह्मास्त्र’ की क्या काट खोजेंगे म.प्र.में शिवराज ?–अरुण पटेल

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने 6 जून को मंदसौर से कांग्रेस के चुनाव प्रचार अभियान की दिशा तय कर दी है और लगता है कि अब चुनाव तक प्रदेश में किसानों को लेकर ही कांग्रेस-भाजपा और अन्य राजनीतिक दलों में महासंग्राम छिड़ा रहेगा। सभी दलों का मकसद अधिक से अधिक …

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आंकड़ों की हकीकत में भाजपा के लिए गठबंधन क्यों जरूरी? – उमेश त्रिवेदी

लोकसभा चुनाव के साल भर पहले विपक्षी दलों की एकता के मद्देनजर एनडीए के सहयोगी दलों के साथ मोदी-सरकार के रिश्तों का राजनीतिक स्टॉक दुरूस्त करने की गरज से भाजपा अध्यक्ष अमित शाह इन दिनों उन समस्याओं को टटोल रहे हैं, जो गठबंधन के आधार को कमजोर करती रही है। …

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म.प्र. में आपसी समन्वय और घर वापसी अभियान पर ‘दिग्विजय’- अरुण पटेल

पिछले दो दशक से भी अधिक समय से कांग्रेस की सबसे बड़ी समस्या गुटबंदी के दलदल में फंसा होना और सभी बड़े नेताओं के द्वारा अपनी-अपनी अंध-महत्वाकांक्षाओं के घोड़े अलग-अलग दिशाओं में दौड़ाना रहा है। यह आम धारणा कांग्रेसजनों के बीच है कि कांग्रेस को कांग्रेस ही हराती है। डेढ़ …

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राष्ट्रवाद के ‘मीटर’ पर मीडिया को कसने के लिए विदेशी कंपनी ? – उमेश त्रिवेदी

राष्ट्रवाद के नाम पर सारे देश की राजनीतिक फिजाओं की लय को हिन्दुत्व के ’मीटर’ के साथ बांधने के लिए आतुर मोदी-सरकार ने मीडिया को राष्ट्रवाद की थाप पर थिरकने और नचाने के लिए एक नया मैकेनिज्म विकसित करने की योजना बनाई है। यह ’मैकेनिज्म’ उस सरकारी सर्क्युलर की पुनरावृत्ति …

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सोनिया-मायावती के बीच बनती केमेस्ट्री भाजपा की मुसीबत – अरुण पटेल

बेंगलूरु में जनतादल-एस और कांग्रेस की मिलीजुली सरकार के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के शपथग्रहण समारोह में विपक्षी दलों ने जिस एकता का प्रदर्शन किया उसके अखिल भारतीय स्तर पर 2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर अर्थ निकाले जा रहे हैं। शपथग्रहण समारोह के मंच पर यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी …

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गठबंधन के रोडमेप मे क्षेत्रीय-राजनीति के स्पीड-ब्रेकर- उमेश त्रिवेदी

कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस की संयुक्त सरकार के मुख्यमंत्री के रूप में  एचडी कुमारस्वामी और उप मुख्यमंत्री के नाते जी परमेश्वर के शपथ ग्रहण समारोह के साथ ही देश की राजनीति इलेक्शन मोड में आ गई है। कांग्रेस-जेडीएस के इस गठबंधन के बीज में 2019 के लोकसभा चुनाव में गठबंधन छिपा …

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राहुल ने गठबंधन के ‘मनमौजी’ समुद्र में कांग्रेस का लंगर डाला – उमेश त्रिवेदी

कर्नाटक में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने जनता दल (सेक्युलर) से समझौता करके खुद को राजनीति की उन मनमौजी मौजों याने लहरों के हवाले कर दिया है, जिनका बहाव और स्वभाव स्थानीय पछुआ हवाएं निर्धारित करती हैं। कांग्रेस की पुरवैया हवाओं की वहां कोई …

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