छत्तीसगढ़ के कबीरधाम में एमपी-सीजी बॉर्डर पर गजराज पथारे हैं। अब जंगल में चार हाथी मौजूद हैं। जिसके बाद वन विभाग की टीम हाई अलर्ट पर है। देर रात को मौके पर वन विभाग की टीम पहुंच गई थी।
कबीरधाम जिले के एमपी-सीजी बॉर्डर पर एक बार फिर से हाथी पहुंच गए है। आज बुधवार सुबह तक इनकी लोकेशन एमपी के गोपालपुर के आसपास मिली है। ये कभी एमपी के क्षेत्र में जाते है तो कभी सीजी में आ जाते हैं। ये लगातार अपना लोकेशन बदल रहे हैं।
फिलहाल जंगल में चार हाथी मौजूद हैं। बॉर्डर में हाथी की उपस्थिति के बाद वन विभाग हाई अलर्ट पर है। बीते तीन दिन सोमवार से आज बुधवार को जंगल में वन विभाग की टीम रतजगा कर रही है। मंगलवार को हाथियों का लोकेशन कबीरधाम जिले के पंडरिया ब्लॉक अंतर्गत वनांचल क्षेत्र तेलियापानी लेदरा के आसपास थी। यह गांव एमपी-सीजी से लगा हुआ है।
यहां वन विभाग की टीम पहुंची हुई थी। यह बैगा आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है। हाथियों के धमक से इलाके के ग्रामीण दहशत में हैं। रात भर जागकर पहरा दे रहे हैं, ताकि हाथियों का दल हमला करें तो कोई जनहानि ना हो।
बताया जा रहा है कि ये हाथी पिछले एक महीने से कबीरधाम जिला से लगे एमपी के करंजिया ब्लॉक अंतर्गत ग्राम पंचायत चमकी के जंगल में डेरा जमाए हुए थे। सोमवार को मध्यप्रदेश वन विभाग की तरफ से हाथियों को खदेड़ा गया तो हाथियों का दल छत्तीसगढ़ के बॉर्डर पर पहुंच गया है।
इस दौरान हाथियों का दल जिस रास्ते से पहुंचा, उस रास्ते में पड़ने वाले खेत में लगी कोदो, कुटकी, ज्वार की फसल को रौंद दिया है। भोजन की तलाश में हाथी जिले के अंदर आगे बढ़ रहे हैं। वन विभाग ने आसपास के गांव में मुनादी कराकर गांव वालों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।