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मध्य प्रदेश: IITTM सभागार और जीवाजी के अटल सभागार अवैध घोषित

ग्वालियर नगर निगम ने बिना परमिशन लेकर बनाए अटल सभागार को अवैध घोषित करने का नोटिस दिया है। बता दें कि ग्वालियर नगर निगम लगातार वसूली अभियान चला रहा है और इस दौरान सबसे बड़ी कार्रवाई जीवाजी विश्वविद्यालय पर की है।

जीवाजी विश्वविद्यालय में 24 करोड़ रुपए की लागत से 4 साल पहले बना भव्य अटल सभागार अवैध घोषित किया गया है। नगर निगम ने बिना परमिशन लेकर बनाए अटल सभागार को अवैध घोषित करने का नोटिस दिया है। साथ ही तोड़ने के लिए 7 दिन का वक्त दिया है।

इसके अलावा नगर निगम ने दूसरी बड़ी कार्रवाई देश के इकलौते भारतीय यात्रा एवं पर्यटन संस्थान आईआईटीटीएम पर भी की है। आईआईटीटीएम की ओर से 2.09 करोड़ जमा नहीं करने पर संस्थान के सभागार को सील कर दिया है। बता दें कि ग्वालियर नगर निगम लगातार वसूली अभियान चला रहा है और इस दौरान सबसे बड़ी कार्रवाई जीवाजी विश्वविद्यालय पर की है। नगर निगम ने बिना परमिशन लेकर बनाए गए अटल सभागार को अवैध घोषित करने और जीवाजी विश्वविद्यालय में अग्नि सुरक्षा की एनओसी नहीं लेने पर नगर निगम के द्वारा नोटिस दिया गया है।

बताया गया है कि जीवाजी विश्वविद्यालय पर नगर निगम का लगभग 13.52 करोड़ रुपए सेवा प्रभार शुल्क बकाया है, जिसे चुकता नहीं किया है। ग्वालियर नगर निगम अमन वैष्णव ने बताया है कि जीवाजी विश्वविद्यालय के सभागार को लेकर एक नोटिस दिया है, वह अवैध निर्माण से संबंधित है जीवाजी विश्वविद्यालय ने अटल सभागार बनाने से पहले निर्माण की अनुमति नहीं ली थी। इसके साथ ही अग्नि सुरक्षा के लिए एनओसी भी नहीं ली।बता दें कि ग्वालियर जीवाजी विश्वविद्यालय कैंपस में बने अटल सभागार को 4 साल पहले लगभग 24 करोड़ रुपए की लागत में बनाया गया था। सभागार में लगातार राजनीतिक पार्टियों के अलावा सांस्कृतिक कार्यक्रम होते रहते हैं।

अब सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि जीवाजी विश्वविद्यालय ने अग्नि सुरक्षा के लिए इसमें एनओसी क्यों नहीं ली, इससे साफ जाहिर होता है कि कहीं ना कहीं यहां पर आने वाले वीवीआईपी लोग और आम लोगों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। बहरहाल ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय में बड़ी संख्या में छात्र, छात्राएं अध्यनरत है और कैंपस के अंदर विश्वविद्यालय के अधिकारी कर्मचारी में रहते है। बावजूद लोगों की जान से खिलवाड़ करना विश्वविद्यालय प्रबंधन इसे बड़ी चूक माना जा रहा है। वहीं सबसे बड़ा सवाल यह है कि जीवाजी विश्वविद्यालय का अटल सभागार अवैध है तो इस पर आज तक क्यों नहीं हुई?