रिलायंस इंडस्ट्रीज पर ग्लोबल ब्रोकरेज काफी बुलिश हैं। अंतरराष्ट्रीय ब्रोकरेज फर्म जेफरीज और बर्नस्टीन का कहना है कि हालिया गिरावट के बाद अरबति कारोबारी मुकेश अंबानी की कंपनी का वैल्यूएशन काफी सस्ता हो गया है। रिलायंस का इससे आकर्षक वैल्यूएशन कोरोना के समय था। ब्रोकरेज के मुताबिक, रिलायंस के शेयर खरीदने पर रिस्क-रिवॉर्ड रेशियो काफी बेहतर हो गया है।
रिलायंस पर क्यों बुलिश हैं जेफरीज
रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) का शेयर फिलहाल अपने एक साल के उच्चतम स्तर से 22 फीसदी नीचे है। ब्रोकरेज का कहना है कि यह रिलायंस का शेयर खरीदने का काफी अच्छा मौका है। जेफरीज का मानना है कि वित्त वर्ष 2026 में रिलायंस के रिटेल सेगमेंट की ग्रोथ काफी बेहतर हो सकती है। ब्रोकरेज फर्म ने रिलायंस की टेलीकॉम कंपनी जियो की संभावित लिस्टिंग पर भी विचार किया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जियो का 40 हजार करोड़ रुपये का आईपीओ इसी साल
जेफरीज के अनुसार, रिलायंस इंडस्ट्रीज के ओवरऑल मुनाफे में भी सुधार हो सकता है। जेफरीज ने 1,690 रुपये के टारगेट प्राइस के साथ रिलायंस पर अपनी ‘Buy’ रेटिंग को बनाए रखा। इस हिसाब से रिलायंस के शेयरों में करीब 36 फीसदी की तेजी आ सकती है।
बर्नस्टीन की रिलायंस पर क्या है राय
बर्नस्टीन ने रिलायंस पर अपनी ‘आउटपरफॉर्म’ रेटिंग बरकरार रखी है। उसने मुकेश अंबानी की कंपनी के लिए 1,520 रुपये का टारगेट प्राइस तय किया है। इसके मुताबकि, रिलायंस के मौजूदा स्तर से 25 फीसदी की तेजी आने की उम्मीद है। ब्रोकरेज को उम्मीद है कि रिलायंस के वित्तीय नतीजों में 2025 में रिकवरी का दौर शुरू होगा। इसकी टेलीकॉम और रिटेल सेगमेंट से आय में वृद्धि होगी, साथ ही रिफाइनिंग मार्जिन में भी सुधार होगा।
बर्नस्टीन के अनुसार, रिलायंस जियो का एवरेज रेवेन्यू पर यूजर (ARPU) टैरिफ बढ़ोतरी के बिना भी 12 फीसदी बढ़ सकता है। रिटेल सेगमेंट में दोहरे अंकों की EBITDA वृद्धि की उम्मीद है। वहीं ग्रॉस रिफाइनिंग मार्जिन (GRM) में भी इस साल सुधार होने की संभावना है।
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