भारत विदेशों में संसदीय कूटनीति को आगे बढ़ाने के लिए जल्द ही विभिन्न देशों की संसदों के साथ मैत्री समूह स्थापित करेगा। अंतर-संसदीय मैत्री समूह स्थापित करने का यह सुझाव ऑपरेशन सिंदूर के बाद बहुदलीय प्रतिनिधिमंडलों के विभिन्न देशों के दौरान सामने आया था। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला जल्द ही इस विषय पर विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ चर्चा करेंगे और सुझाव आगे बढ़ाने के तौर-तरीके तैयार करेंगे।
ओम बिरला ने सोमवार को यहां संसद और राज्य/केंद्रशासित प्रदेशों के विधान मंडलों की प्राक्कलन समितियों के राष्ट्रीय सम्मेलन के मौके पर संवाददाताओं से कहा, हम संसदीय मैत्री समूह स्थापित करने पर काम कर रहे हैं क्योंकि कई देशों ने ऐसा अनुरोध किया है। गौरतलब है कि शशि थरूर, कनिमोझी और सुप्रिया सुले जैसे विपक्षी नेताओं के नेतृत्व में विदेश दौरा करने वाले सात बहुदलीय प्रतिनिधिमंडलों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात के दौरान कई देशों के रुख के बारे में अवगत कराया था।
जस्टिस वर्मा मामले में टिप्पणी से इन्कार
बिरला ने जस्टिस यशवंत वर्मा के महाभियोग से संबंधित मामले पर कोई टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया। बिरला ने कहा, जब यह मुद्दा संसद के समक्ष लाया जाएगा, तब हम इस पर चर्चा कर सकते हैं। ऐसे मामले पर बात करने का कोई मतलब नहीं है, जो सदन के समक्ष नहीं है।
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