तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां पर पुलिस ने एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो अवैध सरोगेसी और नवजात बच्चों की तस्करी का काम करते थे।
इस पूरे मामले में पुलिस ने आईवीएफ केंद्र के चिकित्सक के साथ 10 अन्य लोगों को गिरफ्तार किया है। इसके साथ ही क्लिनिक में उपलब्ध दवाइयों, पत्रों एवं अन्य मेडिकल औजारों को भी पुलिस ने जब्त कर लिया है। बताया जा रहा है कि इस मामले में मुख्य आरोपी की पहचान यूनिर्वसल सृष्टि फर्टिलिटी सेंटर की मालिक अथलुरी नम्रता के तौर पर हुई है।
जानिए कैसे हुआ भंडाफोड़
पुलिस द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार, इस मामले का भंडाफोड़ तब हुआ जब एक दंपती ने शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में इस दंपती ने बताया कि सरोगेसी के जरिए बच्चा पैदा करने के लिए IVF सेंटर को 35 लाख रुपये का भुगतान किया गया। वहीं, इस शिकायत में बताया गया कि इस दंपती ने पिछले 9 महीनों में कई भुगतान किए हैं, इसके बाद पता चला कि सरोगेसी के जरिए पैदा हुए नवजात शिशु डीएनए उनके डीएनए से बिल्कुल मैच नहीं खाता।
जब इस बात का शक दंपती को हुआ, उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस में दर्ज कराई। इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने जांच शुरू की तो पता चला कि मुख्य आरोपी डॉ. अथलुरी नम्रा अपने IVF सेंटर्स के जरिए बड़े पैमाने पर सरोगेसी औरप्रजनन घोटाला कर रही थी।
जांच में क्या आया सामने?
पुलिस ने इस जांच में पाया कि बच्चे के असली माता पिता असम के रहने वाले हैं और वह हैदराबाद में रहते हैं। पुलिस ने बताया कि बच्चे के असली माता पिताको पैसे देकर उनसे बच्चा ले लिया गया और इस दंपती को सौंप दिया गया। वहीं, जब शिकायतकर्ता को जब बच्चे के बारे में शक हुआ उन्होंने डीएनए जांच कराई, जो मैच नहीं किया। इसके बाद इस घोटाले का पर्दाफाश हुआ।
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