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ठंड में सिकुड़ जाती हैं नसें, बढ़ जाता है हार्ट अटैक का खतरा

सर्दियों का मौसम कोहरा और सर्द हवाएं लेकर आता है, लेकिन स्वास्थ्य के लिहाज से यह मौसम दिल के मरीजों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।

आंकड़े बताते हैं कि सर्दियों में हार्ट अटैक के मामले 20-30% तक बढ़ जाते हैं, खासकर सुबह के समय। ऐसा क्यों होता है और इस मौसम में दिल का ख्याल कैसे रखा जाए, आइए जानते हैं।

सर्दियों में हार्ट अटैक बढ़ने के कारण क्या हैं?
ब्लड वेसल्स का सिकुड़ना
– ठंड के कारण आर्टरीज सिकुड़ जाती हैं, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है और दिल पर एक्स्ट्रा दबाव पड़ता है।
हाई ब्लड प्रेशर- ठंड में शरीर को गर्म रखने के लिए दिल को ज्यादा काम करना पड़ता है, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ने का खतरा रहता है।
वायु प्रदूषण- सर्दियों में प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है, जो सांस के साथ-साथ दिल के लिए भी नुकसानदायक है।
फिजिकल एक्टिविटी में कमी- ठंड के कारण लोग एक्सरसाइज और शारीरिक गतिविधियां कम कर देते हैं, जो दिल के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है।
ज्यादा खाना- इस मौसम में ज्यादा फैट और मीठा वाला खाना खाने से कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का खतरा रहता है।

सर्दियों में दिल का ख्याल कैसे रखें?
शरीर को गर्म रखें-
ठंड से बचाव करें। गर्म कपड़े पहनें, खासकर सिर, कान और हाथों को ढककर रखें।
नियमित एक्सरसाइज- घर के अंदर ही, रोजाना कम से कम 30 मिनट एक्सरसाइज जरूर करें। योग, प्राणायाम और स्ट्रेचिंग फायदेमंद रहेंगे।
हेल्दी डाइट- हल्का, गर्म और पौष्टिक खाना खाएं। हरी सब्जियां, मौसमी फल, अदरक, लहसुन और हल्दी फायदेमंद है। भारी, तला-भुना खाने और ज्यादा नमक से बचें।

धूप लें- दोपहर में कम से कम 15-20 मिनट धूप जरूर लें, ताकि शरीर को भरपूर मात्रा में विटामिन-डी मिल सके।
दवाएं न छोड़ें- दिल के मरीज अपनी दवाएं नियमित रूप से लें और डॉक्टर के संपर्क में रहें।
स्ट्रेस मैनेजमेंट- भरपूर नींद लें, मेडिटेशन करें और मनपसंद एक्टिविटी के लिए समय निकालें।
लक्षणों पर नजर- सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, अचानक चक्कर आना या थकान जैसे लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
स्मोकिंग और शराब से दूरी- इनसे दिल की बीमारी का खतरा बढ़ता है, इसलिए इनसे परहेज करें।
पर्याप्त पानी पिएं- ठंड में प्यास कम लगती है, लेकिन शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए पानी पीते रहें।