पाकिस्तान के राष्ट्रपति ने बाढ़ के बीच एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि मौजूदा समय में देश में जबकि बाढ़ की वजह से लाखों लोग प्रभावित है, ऐसे में नेताओं को राजनीतिक गतिविधियों को बंद कर प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के काम में मदद करनी चाहिए। उनके इस बयान के देश के राजनीतिक हलकों में कई मायने निकाले जा रहा है। माना जा रहा है कि उन्होंने ये बयान सीधेतौर पर इमरान खान के लिए दिया है, जिन्होंने पिछले माह झेलम के इलाके में एक सभा को संबोधित किया था। उन्होंने इस सभा में कहा था कि उनकी ये लड़ाई हक की है। ये लड़ाई बाढ़, भूकंप या फिर युद्ध के समय में भी नहीं रुकनी चाहिए। इस रैली में उन्होंने यहां तक कहा था कि उन्हें बाढ़ से प्रभावित लोगों की चिंता है लेकिन उनके लिए वो फिलहाल खाली नहीं हैं।
राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने कहा है कि ऐसे बुरे समय में पार्टियों को अपने नेताओं से बाढ़ प्रभावित इलाकों में जाकर राहत कार्य करने के बारे में कहना चाहिए, न कि राजनीति करनी चाहिए। उन्होंने इस दौरान इमरान खान या उनकी पार्टी पीटीआई का नाम लिए बिना कहा कि नेताओं को अपनी विशेषज्ञता इस बारे में दिखानी चाहिए कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में कैसे जल्द से जल्द राहत पहुंचाई जाए और कैसे इन लोगों की परेशानियों को खत्म किया जाए।
आपको बता दें कि देश में आई बाढ़ से अब तक लाखों लोग प्रभावित हुए हैं। इस बाढ़ की वजह देश में खाने पीने की चीजों की भी कमी महसूस की जा रही है। पिछले दिनों ही देश के वित्त मंत्री ने कहा था कि ऐसे खराब हालातों में पाकिस्तान को भारत से सब्जियों का आयात जल्द खोलने पर विचार करने की जरूरत है।
मौजूदा समय में देश का लगभग हर कोना बाढ़ से प्रभावित है। बलूचिस्तान ने केंद्र से मिली मदद को ये कहकर लेने से इनकार कर दिया है कि ये ऊंट के मुंह में जीरा जैसा है। इससे प्रभावित लोगों की मदद नहीं की जा सकती है। पाकिस्तान ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में मदद के लिए पूरी दुनिया से मदद का आह्वान किया है। इसके लिए पाकिस्तान ने नंबर भी जारी किया है। इस बीच अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से भी पाकिस्तान को रुका हुए पैसा मिल गया है।
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