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विनायक चतुर्थी पर ‘सौभाग्य’ योग समेत बनेगें कई संयोग, प्राप्त होगा अक्षय फल

धार्मिक मत है कि भगवान गणेश की पूजा करने से साधक के जीवन में व्याप्त दुख और संकट दूर हो जाते हैं। साथ ही घर में सुख और समृद्धि आती है। ज्योतिषियों की मानें तो विनायक चतुर्थी पर सौभाग्य योग का निर्माण हो रहा है। इस योग में पूजा करने से साधक को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है।

सनातन पंचांग के अनुसार, हर महीने शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी मनाई जाती है। तदनुसार, आश्विन महीने में 18 अक्टूबर को विनायक चतुर्थी है। इस दिन देवों के देव महादेव के पुत्र भगवान गणेश की पूजा-उपासना की जाती है। साथ ही विशेष कार्य में सिद्धि प्राप्ति हेतु व्रत उपवास भी रखा जाता है। धार्मिक मत है कि भगवान गणेश की पूजा करने से साधक के जीवन में व्याप्त दुख और संकट दूर हो जाते हैं। साथ ही घर में सुख और समृद्धि आती है। ज्योतिषियों की मानें तो विनायक चतुर्थी पर सौभाग्य योग का निर्माण हो रहा है। इस योग में पूजा करने से साधक को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। आइए, शुभ योग और मुहूर्त जानते हैं-

शुभ मुहूर्त
आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी 18 अक्टूबर को देर रात 01 बजकर 26 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन यानी 19 अक्टूबर को देर रात 01 बजकर 12 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मान है। अतः 18 अक्टूबर को विनायक चतुर्थी है।

आयुष्मान योग
शारदीय नवरात्रि के चौथे दिन दुर्लभ आयुष्मान योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण सुबह 08 बजकर 19 मिनट तक है। इस योग में भगवान गणेश की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होती है।

सौभाग्य योग
विनायक चतुर्थी के दिन सौभाग्य योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण 19 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 54 मिनट तक है। इस योग में भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करने से सुख, सौभाग्य और आय में वृद्धि होती है।

सर्वार्थ सिद्धि योग
विनायक चतुर्थी पर सर्वार्थ सिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण संध्याकाल 09 बजकर 01 मिनट तक है। इस योग में गजानन की पूजा करने से सभी कार्यों में सिद्धि प्राप्त होती है।

अमृत सिद्धि योग
विनायक चतुर्थी पर अमृत सिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण संध्याकाल 09 बजकर 01 मिनट तक है। इस योग में गजानन की पूजा करने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।

रवि योग
विनायक चतुर्थी पर रवि योग का भी निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण संध्याकाल 09 बजकर 01 मिनट तक ही है। इस योग में शुभ कार्य कर सकते हैं। साथ ही भगवान गणेश की पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

सूर्योदय – सुबह 06 बजकर 23 मिनट पर

सूर्यास्त – शाम 17 बजकर 49 मिनट पर

पंचांग
ब्रह्म मुहूर्त – 04 बजकर 43 मिनट से 05 बजकर 33 मिनट तक

विजय मुहूर्त – दोपहर 02 बजे से 02 बजकर 46 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त – शाम 05 बजकर 49 मिनट से 06 बजकर 14 मिनट तक

निशिता मुहूर्त – रात्रि 11 बजकर 41 मिनट से 12 बजकर 32 मिनट तक

अशुभ समय
राहु काल – दोपहर 12 बजकर 06 मिनट से 01 बजकर 32 मिनट तक

गुलिक काल – सुबह 10 बजकर 40 मिनट से 12 बजकर 06 मिनट तक

दिशा शूल – उत्तर

डिस्क्लेमर- ”इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना में निहित सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्म ग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारी आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।