हमास-इस्राइल युद्ध पर सुपरमॉडल बेला हदीद ने अपनी चुप्पी तोड़ी है। साथ ही फलस्तीन के समर्थन में बड़ी बात कहती नजर आई हैं।
मशहूर अमेरिकन मॉडल बेला हदीद लंबे समय से फलस्तीन की मुखर समर्थक रही हैं। हालांकि, उन्होंने फलस्तीन-इस्राइल युद्ध पर चुप्पी साधी हुई थी, जिसके कारण उन्हें जबर्दस्त आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। वहीं, अब बेला ने लंबे नोट के जरिए अपनी चुप्पी के पीछे का कारण बताया है। बेला का पोस्ट सामने आते ही सोशल मीडिया पर छा गया है।
बेला हदीद ने चुप्पी के लिए मांगी माफी
बेला ने इंस्टाग्राम पर एक लंबा नोट लिखा, जिसकी शुरुआत इतने लंबे समय तक चुप रहने के लिए माफी से हुई। सुपरमॉडल ने लिखा, ‘मेरी चुप्पी के लिए मुझे माफ कर दो। मुझे अभी भी पिछले दो हफ्तों के इस बेहद जटिल और भयावह मामले के लिए आदर्श शब्द नहीं मिल पाए हैं, जिन हफ्तों ने दुनिया का ध्यान उस स्थिति की ओर मोड़ दिया है, जो दशकों से निर्दोष लोगों की जान ले रही है और परिवारों को प्रभावित कर रही है। मुझे बहुत कुछ कहना है, लेकिन आज के लिए, मैं इसे संक्षेप में रखूंगी।’
बेला हदीद को मिल रहीं धमकियां
ला हदीद ने यह भी उल्लेख किया कि कैसे वह भी इस संकट से प्रभावित हुई हैं। मॉडल ने जोड़ा, ‘मुझे प्रतिदिन सैकड़ों जान से मारने की धमकियां भेजी जा रही हैं, मेरा फोन नंबर लीक कर दिया गया है, और मेरे परिवार को खतरा महसूस हो रहा है। हालांकि, मैं अब और चुप नहीं रह सकती। डर कोई विकल्प नहीं है। फलस्तीन के लोग और बच्चे, विशेषकर गाजा में, हमारी चुप्पी बर्दाश्त नहीं कर सकते। हम बहादुर नहीं हैं – वे हैं।’
आघात से दहला दिल- बेला हदीद
बेला यहीं नहीं रुकीं और उन्होंने आगे कहा, ‘मैं जो आघात देख रही हूं, उसे देखकर मेरा दिल दहल गया है। गाजा में हवाई हमलों के परिणामों को देखकर, मैं उन सभी माताओं के साथ शोक मनाती हूं, जिन्होंने अपने बच्चों को खो दिया है और उन बच्चों के साथ जो अकेले रोते हैं, उन सभी खोए हुए पिताओं, भाइयों, बहनों, चाचाओं, चाचियों, दोस्तों के साथ शोक मनाती हूं, जो फिर कभी इस धरती पर नहीं आएंगे।’
बेला का फलस्तीन को पुरजोर समर्थन
बेला ने उस पीड़ा के बारे में भी लिखा जो इस्राइली नागरिकों को भी हमास के हाथों झेलनी पड़ी है। बेला के शब्दों में, ‘मैं उन इस्राइली परिवारों के लिए शोक मनाती हूं, जो 7 अक्तूबर के दर्द और उसके बाद से जूझ रहे हैं। भूमि के इतिहास के बावजूद, मैं कहीं भी, किसी भी नागरिक पर आतंकवादी हमलों की निंदा करती हूं। महिलाओं और बच्चों को नुकसान पहुंचाना और आतंक फैलाना मुक्त फिलिस्तीन आंदोलन के लिए कोई अच्छा काम नहीं है, और न ही किया जाना चाहिए। मैं अपने दिल में गहराई से विश्वास करती हूं कि किसी भी बच्चे, किसी भी व्यक्ति को उसके परिवार से अस्थायी या अनिश्चित काल के लिए दूर नहीं किया जाना चाहिए। यह इस्राइली और फलस्तीनी लोगों के लिए समान रूप से लागू होता है। फलस्तीनी होने की कठिनाई को समझना महत्वपूर्ण है, एक ऐसी दुनिया में जो हमें शांति का विरोध करने वाले आतंकवादियों से ज्यादा कुछ नहीं देखती है। यह हानिकारक है, यह शर्मनाक है और यह पूरी तरह से झूठ है।’
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