राजधानी देहरादून के परेड ग्राउंड में आयोजित दरबार में पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री ने लोगों के पर्चे खोले। सबसे पहले देहरादून के एक व्यक्ति का पर्चा खुला। उसमें पारिवारिक समस्या बताई गई। इसके बाद एक महिला की अर्जी लगी।
महिला ने कारोबार को लेकर समस्या थी। धीरेंद्र शास्त्री ने खुद महिला की समस्या बताई और फिर उसका समाधान भी बताया। इसके बाद बंजारावाला की एक महिला की अर्जी स्वीकार हुई। इस बीच धीरेंद्र शास्त्री ने दरबार में सबसे पीछे खड़े एक व्यक्ति को बुलाया।

उन्होंने कहा कि सबसे आखिरी में पेड़ के पास विजय नाम के व्यक्ति खड़े हैं उनकी अर्जी स्वीकार हुई है, वो आ जाएं। यह सुनते ही पूरा दरबार तालियों से गूंज गया। इसके बाद उन्होंने हेलमेट पहने खड़े एक व्यक्ति को बुलाया।
उन्होंने कहा, जो तुम अपने दोस्तों से हमारे बारे में बात कर रहे थे, वो हमें हमारी वाई-फाई से सुनाई दे गई।
इस तरह से उन्होंने दरबार में आए कई भक्तों को बुलाया जिनकी अर्जी स्वीकार हुई।
इसके बाद उन्होंने मंत्रों के साथ सामूहिक अर्जी लगवाई। इस दौरान करीब 15 लोगो की अर्जी स्वीकार हुई।
परेड ग्राउंड में पहुंचने से पहले धीरेंद्र शास्त्री के विमान में दो बार तकनीकी समस्या आई। इससे उन्हें कार्यक्रम में पहुंचने में देर हो गई। उन्होंने कहा कि वह देहरादून आने के लिए सुबह सात बजे से तैयार थे, लेकिन विमान में तकनीकी समस्याओं के कारण समय से नही आ सके। धीरेंद्र शास्त्री रात 8:20 बजे मंच पर पहुंचे। रात 11:44 बजे दरबार समाप्त की घोषणा की।
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