वर्ष 1967 के चौथे आम चुनाव से अस्तित्व में आई पूर्वी दिल्ली सीट पर अब तक कुल 15 बार लोकसभा चुनाव हुए। इनमें नौ बार भाजपा के उम्मीदवार जीतकर आए। यहां से जीते सांसद दिल्ली में महापौर, उपमहापौर व दिल्ली सरकार में मंत्री तक रह चुके हैं।
पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट पर आधे से अधिक तक समय भाजपा के सांसद रहे। वर्ष 1967 के चौथे आम चुनाव से अस्तित्व में आई पूर्वी दिल्ली सीट पर अब तक कुल 15 बार लोकसभा चुनाव हुए। इनमें नौ बार भाजपा के उम्मीदवार जीतकर आए। यहां से जीते सांसद दिल्ली में महापौर, उपमहापौर व दिल्ली सरकार में मंत्री तक रह चुके हैं।
इस सीट पर 1967 में पहली बार आम चुनाव हुए। इसमें भारतीय जन संघ के सदस्य रहे हरदयाल देवगन चुनाव जीत कर आए। 1971 में हुए आम चुनाव में कांग्रेस के एचकेएल भगत ने जीत दर्ज कर भाजपा से सीट ले ली। वे दिल्ली के उप महापौर और महापौर भी रहे हैं। वे अलग-अलग जगहों से छह बार सांसद रहे। लगभग 22 सालों तक केंद्रीय मंत्री के रूप में कार्य किया।
वर्ष 1977 में आपातकाल के बाद हुए आम चुनाव में भारतीय लोकदल से किशोर लाल ने इस सीट पर जीत दर्ज की। हालांकिख्सा ल 1980 में फिर से हुए आम चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार एचकेएल भगत ने कब्जा कर लिया। वे लगातार तीन बार वह यहां से चुनाव जीत कर आए। साल 1991 में हुए आम चुनाव में यहां पर एक बार फिर भाजपा का कब्जा हुआ।
भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़े बैकुंठ लाल शर्मा ने चुनाव जीता। वे लगातार दो बार सांसद रहे। सांसद शर्मा की बाबरी मस्जिद विध्वंस में भी प्रमुख भूमिका रही है। बताया जाता है कि वे विध्वंस के दौरान शारीरिक रूप से वहां उपस्थित रहे थे। इस सीट पर साल 1997 में उपचुनाव हुए, जिसमें भाजपा के ही लाल बिहारी तिवारी ने चुनाव जीता। वे लगातार तीन बार यहां से लोकसभा का चुनाव जीतकर संसद में आए।
लोकसभा चुनाव से पहले तिवारी विधायक चुने गए थे और दिल्ली की मदनलाल की सरकार में खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री रहे। साल 2004 में हुए आम चुनाव में इस सीट पर दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित चुनाव जीतकर आए, जो लगातार दो बार यहां से सांसद रहे। साल 2014 में हुए आम चुनाव में यह सीट एक बार फिर से भाजपा के पास चली गई। यहां से महेश गिरी चुनाव और क्रिकेटर से राजनेता बने गौतम गंभीर चुनाव जीते।
पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को मिली यहां हार
1998 में हुए आम चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित भी चुनाव हार गईं थीं। भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़े लाल बिहारी तिवारी ने उन्हें चुनाव में हराया था। हालांकि, 1998 में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बहुमत हासिल किया और शीला दीक्षित पहली बार दिल्ली की मुख्यमंत्री बनीं।
इस बार आप देगी भाजपा को टक्कर
पूर्वी दिल्ली सीट पर भाजपा के सामने आप का उम्मीदवार है। दिल्ली में कांग्रेस व आम आदमी पार्टी के गठबंधन में यह सीट आप के पास है। आप ने इस सीट पर मौजूदा विधायक कुलदीप को उम्मीदवार बनाया है, जबकि भाजपा ने पूर्वी दिल्ली से पूर्व महापौर रहे हर्ष मल्होत्रा को चुनाव में उतारा है।
चुनावी इतिहास
वर्ष सांसद पार्टी
- 1967 हरदयाल देवगन भारतीय जनसंघ
- 1971 एचकेएल भगत भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
- 1977 किशोर लाल जनता पार्टी
- 1980 एचकेएल भगत भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आई)
- 1984 एचकेएल भगत भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
- 1989 एचकेएल भगत भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
- 1991 बैकुंठ लाल शर्मा भारतीय जनता पार्टी
- 1996 बैकुंठ लाल शर्मा भारतीय जनता पार्टी
- 1997 लाल बिहारी तिवारी भारतीय जनता पार्टी
- 1998 लाल बिहारी तिवारी भारतीय जनता पार्टी
- 1999 लाल बिहारी तिवारी भारतीय जनता पार्टी
- 2004 संदीप दीक्षित भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
- 2009 संदीप दीक्षित भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
- 2014 महेश गिरी भारतीय जनता पार्टी
- 2019 गौतम गंभीर भारतीय जनता पार्टी