प्रदेश में इस साल भीषण गर्मी के बीच मई का महीना यूपीसीएल के लिए खासा चुनौतीपूर्ण रहा। एक ओर जहां एक दिन में सर्वाधिक 6.2 करोड़ यूनिट तक बिजली की मांग पहुंची तो पूरे महीने में बिजली की औसत मांग भी 5.1 करोड़ यूनिट पहुंच गई है।
प्रदेश में मौसम बदलने से फिलहाल बिजली की मांग गिर गई है। यूपीसीएल को राहत तो मिली है, लेकिन मई के महीने में बिजली की मांग ने ऑल टाइम रिकॉर्ड बना दिया है। पहली बार मई में बिजली की औसत मांग पांच करोड़ यूनिट से ऊपर पहुंची है।
प्रदेश में इस साल भीषण गर्मी के बीच मई का महीना यूपीसीएल के लिए खासा चुनौतीपूर्ण रहा। एक ओर जहां एक दिन में सर्वाधिक 6.2 करोड़ यूनिट तक बिजली की मांग पहुंची तो पूरे महीने में बिजली की औसत मांग भी 5.1 करोड़ यूनिट पहुंच गई है। यूपीसीएल के इतिहास में पहली बार इतनी औसत मांग पहुंची है।
2018 में मई माह की बिजली की औसत मांग चार करोड़ यूनिट, 2019 में 4.2 करोड़, 2020 में तीन करोड़, 2021 में 3.3 करोड़, 2022 में 4.5 करोड़ और 2023 में 4.3 करोड़ यूनिट तक थी। इस साल 5.1 करोड़ तक मांग पहुंचने की वजह से यूपीसीएल को बिजली आपूर्ति में खासी मशक्कत का सामना करना पड़ा है।
हालांकि, पहाड़ में मौसम बदलने के बाद रविवार को बिजली की मांग 6.2 करोड़ यूनिट से गिरकर सीधे 5.8 करोड़ यूनिट पर पहुंच गई है। यूपीसीएल प्रबंधन के मुताबिक, औसत मांग के सापेक्ष पहली बार औसत उपलब्धता 4.2 करोड़ यूनिट रही है।
मांग के रिकॉर्ड ने पेश की नई चुनौती
प्रदेश में विद्युत उत्पादन के नजरिए से अभी हालात बहुत अच्छे नहीं हैं। ऐसे में मांग के इस रिकॉर्ड ने सरकार और ऊर्जा निगम के सामने एक नई चुनौती पेश कर दी है। इसके तहत सरकार अब बिजली की जरूरतों की पूर्ति के लिए लांग टर्म प्लान पर काम कर रही है। शासन स्तर पर एक कमेटी का गठन अपर सचिव की अध्यक्षता में किया गया है। वहीं, यूपीसीएल के स्तर पर भी भविष्य की रणनीति बनाई जा रही है।
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