महाराष्ट्र: मनोज जरांगे पिछले छह दिनों से हड़ताल पर थे। वे लगातार मराठा आरक्षण को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। अब उन्होंने अपनी भूख-हड़ताल को स्थगित करने का फैसला लिया है।
मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने अपनी अनिश्चितकालीन भूख-हड़ताल को स्थगित करने की घोषणा की है। बता दें कि मनोज जरांगे पिछले छह दिनों से हड़ताल पर थे। वे लगातार मराठा आरक्षण को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। जरांगे चाहते हैं कि मराठा समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के तहत आरक्षण दिया जाए।
शनिवार को शुरू किया था विरोध प्रदर्शन
मनोज जरांगे ने महाराष्ट्र के जालना जिले में अपने पैतृक गांव अंतरवाली सराटी में शनिवार को विरोध प्रदर्शन शुरू किया और चेतावनी दी थी कि अगर सरकार इस मुद्दे का तुरंत समाधान नहीं करती है तो वह नसों के माध्यम से शरीर में तरल पदार्थ लेना भी बंद कर देंगे। उनकी तबीयत लगातार बिगड़ रही थी, जिस वजह से छत्रपति संभाजीनगर से नवनिर्वाचित शिवसेना सांसद संदीपन भुमरे ने मंगलवार को अंतरवाली सराटी का दौरा किया था।
क्या है मनोज जरांगे की मांग?
मनोज जरांगे मराठा आरक्षण के लोगों को कुंबी जाति प्रमाणपत्र देने की मांग कर रहे हैं। दरअसल, महाराष्ट्र में कुंबी समुदाय को ओबीसी श्रेणी में रखा गया है ऐसे में मराठा आरक्षण के लोगों को कुंबी जाति प्रमाणपत्र देने से उन्हें (मराठा आरक्षण के लोगों को) आरक्षण का लाभ मिल सकेगा।
‘मांग पूरी नहीं हुईं तो सभी 288 विधानसभा सीटों से उतारेंगे उम्मीदवार’
मराठा आरक्षण कार्यकर्ता का कहना है कि अगर मामला नहीं सुलझाया गया तो वह इस साल अक्तूबर में होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव में महाराष्ट्र की सभी 288 विधानसभा सीटों से उम्मीदवार उतारेंगे। मनोज जरांगे ने कहा ‘फिर हम आरक्षण देने वाले बन जाएंगे न कि लेने वाले।’