जशपुर जिले में इन दिनों हाथियों का इंसानी बस्तियों में आना-जाना बढ़ गया है, जिससे इंसानों की जान को गंभीर खतरा पैदा हो गया है। बीते एक सप्ताह में हाथियों के हमलों में तीन लोगों की जान जा चुकी है। जबकि तमाम जागरूकता प्रयासों के बावजूद हमले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि हाथियों का अनाज की तलाश में गांवों में घुसना इन हमलों का प्रमुख कारण है।
ताजा घटना बादलखोल अभ्यारण्य के बुटंगा पंचायत के कोरवा बहुल गांव रंगपुर की है। जहां बीती रात एक हाथी ने कोहराम मचाया। दरअसल, आधी रात को दल से बिछड़ा एक हाथी गांव में घुस आया और कोटवार बुधराम का मकान तोड़ दिया। हाथी के आने की सूचना पर ग्रामीण इकट्ठा होकर उसे भगाने की कोशिश करने लगे।
इसी दौरान हाथी ने पहाड़ी कोरवा नरेश राम को देखा और उसे दौड़ाने लगा। नरेश अपनी जान बचाने के लिए घर में घुस गया, लेकिन गुस्साए हाथी ने उसका घर तोड़ दिया। ग्रामीणों के हल्ला मचाने पर हाथी जंगल की ओर चले गए। जिससे नरेश, उसकी पत्नी और दो बच्चों की जान बच गई।नरेश राम ने अमर उजाला को बताया को कि अभी बरसात हो रही है और हाथी ने घर उजाड़ दिया है,ऐसे में हमारा जीना मुश्किल हो गया है।
इस बढ़ती समस्या को देखते हुए स्थानीय लोगों ने सरकार और वन विभाग से अपील की है कि हाथियों के हमलों से निपटने के लिए उचित कदम उठाए जाएं। ग्रामीणों का कहना है कि हाथियों की बढ़ती गतिविधियों को रोकने के लिए आवश्यक उपाय किए जाने चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों और लोगों की जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
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