साल 2022 से पूर्व लद्दाख में भारत और चीन के बीच चल रही सीमा विवाद अब खत्म हो चुकी है। ब्रिक्स सम्मेलन से पहले चीन ने ‘पैट्रोलिंग समझौते’ पर हामी भरी है। चीन ने मंगलवार को पुष्टि की कि वह पूर्वी लद्दाख में दोनों सेनाओं के बीच गतिरोध को खत्म करने के लिए वो भारत के साथ एक समझौते पर पहुंच गया है।
दोनों देशों के बीच हुआ समझौता
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने यहां एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, “हाल ही में चीन और भारत चीन-भारत सीमा से संबंधित मुद्दों पर राजनयिक और सैन्य संबंधों के माध्यम से कई दौरों की वार्ता कर चुके हैं।”
उन्होंने कहा, “अब दोनों पक्ष उन प्रासंगिक मामलों पर एक प्रस्ताव पर पहुंच गए हैं जिनके बारे में चीन बढ़-चढ़कर बात करता है।” उन्होंने कहा, आगे चलकर चीन इन प्रस्तावों को लागू करने के लिए भारत के साथ काम करेगा। हालांकि, इस मामले पर चीन ने ज्यादा जानकारी देने से इनकार कर दिया।
समझौते पर क्या बोली भारतीय सेना
दोनों देशों के बीच हुए समझौते को लेकर COAS जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने जानकारी दी। उन्होंने कहा, “हम अप्रैल 2020 की यथास्थिति पर वापस जाना चाहते हैं। इसके बाद हम LAC के विघटन, डी-एस्केलेशन और सामान्य प्रबंधन पर विचार करेंगे। अप्रैल 2020 से हमारा यही रुख रहा है।
उपेंद्र द्विवेदी ने आगे कहा,अभी तक हम विश्वास बहाल करने की कोशिश कर रहे हैं। यह तब होगा जब हम एक-दूसरे को देख पाएंगे और हम एक-दूसरे को यह समझाने और आश्वस्त करने में सक्षम होंगे कि हम बनाए गए बफर जोन में घुसपैठ नहीं कर रहे हैं।”
शी जिनपिंग से मिल सकते हैं पीएम मोदी
रूस के शहर कजान में 22 से 23 अक्टूबर तक ब्रिक्स सम्मलेन है। संभावना है कि यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात हो सकती है। हालांकि अभी तक द्विपक्षीय बैठक की कोई सूचना नहीं है। माना जा रहा है कि सीमा विवाद सुलझाने पर चर्चा हो सकती है।
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