वैश्विक क्रिकेट में भारत का वर्चस्व इतना ज्यादा बढ़ गया है कि कभी दुनिया में राज करने वाली टीमों के क्रिकेट बोर्ड भी अब हमारी टीम के भरोसे अपने खजाने भर रहे हैं। आईसीसी ही नहीं ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका के क्रिकेट बोर्ड के लिए भारतीय टीम का दौरा संजीवनी की तरह रहता है।
भारतीय टीम के दौरे से होने वाली कमाई से ये बोर्ड अपने देश का क्रिकेट को और बेहतर तरीके से चला पाते हैं। इसी को देखते हुए क्रिकेट आस्ट्रेलिया (सीए) ने मंगलवार को दोनों टीमों का अभ्यास सत्र देखने के लिए दर्शकों के लिए स्टेडियम के दरवाजे खोल दिए। सुबह आस्ट्रेलियाई टीम ने जब अभ्यास किया तो 500 के करीब दर्शक आए थे लेकिन शाम को भारतीय टीम के अभ्यास सत्र के दौरान यह संख्या 5000 से ज्यादा हो गई।
दर्शकों को नहीं होती अनुमति
अमूमन अभ्यास सत्र के दौरान दर्शकों को स्टेडियम के अंदर नहीं आने दिया जाता है, लेकिन एडिलेड ओवल में मंगलवार को दर्शकों को आने दिया गया। हालांकि, बुधवार और गुरुवार को दर्शक अभ्यास नहीं देख पाएंगे। भारतीय दर्शकों ने अभ्यास सत्र में भारत माता की जय के नारे लगाने के साथ भांगड़ा भी किया। हालांकि भारतीय टीम के खिलाड़ी इससे कुछ असहज नजर आए।
सीए को इस दौरे से होगा बहुत फायदा
ऑस्ट्रेलियाई टीम पर्थ में पहला टेस्ट हार गई लेकिन क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) इस बात से दुखी होने की जगह खुश है क्योंकि पर्थ के आप्टस स्टेडियम में रिकार्ड दर्शक आए और ऐसा ही बाकी चार टेस्ट में भी होने की उम्मीद है। यह मैच भले ही ऑस्ट्रेलिया में हो रहे हों, लेकिन मैदान में भारतीय मूल के दर्शकों की बहुतायत रहती है। 2022 में टी-20 विश्व कप की मेजबानी करने के बावजूद क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया को 2022-23 में 16.9 मिलियन ऑस्ट्रेलियन डॉलर (लगभग 92 करोड़ रुपेय) का घाटा हुआ था।
उसे 2023-24 में 32 मिलियन ऑस्ट्रेलियन डॉलर (लगभग 175 करोड़ रुपये) का नुकसान हुआ। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के सूत्रों का कहना है कि भारतीय टीम के पांच टेस्ट के दौरे से सीए को प्रसारणकर्ताओं और बाकी माध्यम से इतना धन मिल जाएगा जिससे वह अगले तीन साल तक घरेलू क्रिकेट का संचालन कर सकेगा। भारतीय टीम अगले साल वनडे और टी-20 सीरीज खेलने के लिए ऑस्ट्रेलिया आ सकती है। अभी इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। यही कारण है कि सीए ने इस साल फॉक्सटेल और चैनल सेवन के साथ सात वर्षों के प्रसारण के लिए 1.5 बिलियन ऑस्ट्रेलियन डॉलर (लगभग 8242 करोड़ रुपये) का करार किया है।
कम से कम चार दिन चले मैच
यही नहीं उसने ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट को भारत में दिखाने के लिए डिज्नी स्टार के साथ एक और समझौता किया है। आयोजक चाहते हैं प्रत्येक मैच कम से कम चौथे दिन तक जाए। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया पर्थ टेस्ट के पहले दिन 17 विकेट गिरने से खुश नहीं था क्योंकि उसे डर सता रहा था कि मैच कहीं तीन दिन में ही न खत्म हो जाए। हालांकि भारतीय टीम के प्रतिकार से यह मैच चौथे दिन के दूसरे सत्र तक चला।आयोजक चाहते हैं कि बचे हुए चारों टेस्ट मैच कम से कम चौथे दिन तक जाएं जिससे ज्यादा से ज्यादा दर्शक मैच देखने आएं और उसे गेट मनी के तौर पर ज्यादा कमाई हो।
घर मैदान भारत का घरेलू मैदान
ऑस्ट्रेलिया में जब भारतीय टीम का मैच होता है तो मेजबान टीम से ज्यादा भारतीय दर्शक मैदान में होते हैं। यही कारण है कि कई क्रिकेटर अब यह कहने लगे हैं कि दुनिया में भारतीय टीम का मैच कहीं भी हो वहां पर भारतीय दर्शकों की संख्या ज्यादा होती है। दर्शकों के लिहाज से हर मैदान भारत का घरेलू मैदान नजर आता है।एडिलेड में पिछली बार भारतीय टीम 36 रन पर आउट हो गई थी लेकिन इस बार सीए नहीं चाहेगा कि यहां मैच जल्दी खत्म हो क्योंकि ऐसे में उसे अपने मुनाफे में कई मिलियन ऑस्ट्रेलियन डालर का नुकसान होगा। पर्थ में हुए पहले टेस्ट मैच में शुक्रवार को 31,302 दर्शक आए थे जो वहां हुए टेस्ट मैचों में किसी दिन के लिए अब तक की सबसे बड़ी उपस्थिति थी।भारतीय क्रिकेट का महत्व इस बात से समझा जा सकता है कि इस दौरे में कैनबरा में प्रधानमंत्री एकादश के साथ दो दिवसीय डे-नाइट अभ्यास मैच रखा गया जिसमें ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ने कमेंट्री भी की। यही नहीं मंगलवार को एडिलेड में ऑस्ट्रेलिया और भारतीय टीम के अभ्यास सत्र को दर्शकों के लिए खोल दिया गया। दर्शकों ने फ्री में स्टेडियम के अंदर आकर दोनों टीमों का अभ्यास सत्र देखा। यही कारण है कि क्रिकेट के कई जानकार बार्डर-गावस्कर ट्रॉफी को एशेज से भी बड़ा मानने लगे हैं।