बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के विरोध में भारत में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। रविवार को कश्मीर से कोलकाता तक लोगों ने जगह-जगह प्रदर्शन किया। रैली निकाली और पुतले फूंके। बंगाल में कोलकाता समेत कई जगहों पर प्रदर्शन हुए। बंगाली हिंदू सुरक्षा समिति द्वारा आयोजित प्रदर्शन में लोगों ने बांग्लादेशी सामानों के बहिष्कार का आह्वान किया और ढाकाई जामदानी साड़ियों को आग के हवाले कर दिया।
श्रीनगर में हिंदुओं ने किया प्रदर्शन
चेतावनी दी कि अगर तिरंगे का अपमान और हिंदुओं पर हमले जारी रहे तो भारतीय चुप नहीं बैठेंगे। जम्मू-कश्मीर में जम्मू समेत कठुआ, राजौरी, पुंछ और डोडा जिले में विभिन्न स्थानों पर तख्तियां लेकर लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। श्रीनगर में रहे रहे अल्पसंख्यक कश्मीरी हिंदू, सिख और क्रिश्चियन समुदाय के लोगों ने अनीता चांदपुरी के नेतृत्व में राजभवन के पास प्रदर्शन किया।
केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग करते हुए प्रदर्शनकारियों ने राजभवन में ज्ञापन भी सौंपा। उन्होंने कहा कि कश्मीर में मानवाधिकारों का राग अलापने वाले संगठन अब कहां पर सोए हैं, वह बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमले पर क्यों नहीं कुछ बोल रहे? हिंदू धर्म रक्षा समिति के आह्वान पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हजारों लोग एक साथ सड़क पर उतर आए।
अलीगढ़ में भी प्रदर्शन
अलीगढ़ में अखिल भारतीय करणी सेना के पदाधिकारियों ने मौन जुलूस निकाला। इस दौरान बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस खान का पुतला फूंका। गाजियाबाद में प्रदर्शन के दौरान लोगों के हाथों में बांग्लादेश में हो रहे अत्याचार को रोकने के लिए पोस्टर और बैनर थे। बिजनौर, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, बुलंदशहर एवं सहारनपुर में आरएसएस, भाजपा समेत हिंदू संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया।
स्वामी दीपांकर महाराज ने निकाला मार्च
सहारनपुर में आध्यात्मिक गुरु स्वामी दीपांकर महाराज के नेतृत्व में हजारों की संख्या में लोगों ने कलेक्ट्रेट की ओर मार्च किया। स्वामी ने बाद में मुजफ्फरनगर पहुंचकर प्रदर्शन में भाग लिया। उन्होंने कहा कि अगर जातियों में बंटे रहे तो एक दिन भारत में ही बांग्लादेश जैसे हालात हो जाएंगे। जब भी हिंदू बंटेंगे, हर गली-नुक्कड़ पर कटेंगे। यशवीर महाराज ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बांग्लादेश मामले में हस्तक्षेप कर हिंदुओं की रक्षा करनी चाहिए।