अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद भारतीय-अमेरिकी बिजनेसमैन से राजनेता बने विवेक रामास्वामी ने एक बड़ा फैसला लिया है। बताया जा रहा है वो अब डोनाल्ड ट्रम्प के डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी ( DOGE ) का हिस्सा नहीं हैं। इस फैसले के पीछे की एक बड़ी वजह सामने आई है।
विवेक रामास्वामी ओहियो के गवर्नर के लिए चुनाव लड़ना चाहते हैं। ट्रंप के शपथ लेने के कुछ देर बाद ही व्हाइट हाउस ने ये जानकारी दी है। हालांकि अभी गर्वनर पद के लिए ऑफिशियल एलान नहीं किया गया है।
विवेक रामास्वामी ने पोस्ट में लिखी ये बात
बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप ने डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DOGE) के नेतृत्व के लिए एलन मस्क के साथ विवेक रामास्वामी को चुना था। पद छोड़ने के बाद विवेक रामास्वामी ने एक्स पर एक पोस्ट भी किया है।
रामास्वामी ने कहा,’ DOGE के निर्माण में सहायता करना मेरे लिए सम्मान की बात थी। मुझे विश्वास है कि एलन और उनकी टीम सरकार को सुव्यवस्थित करने में सफल होगी।’
‘हम ट्रंप की मदद करने के लिए तैयार’
रामास्वामी ने आगे कहा, ‘मुझे ओहियो में अपनी भविष्य की योजनाओं के बारे में बहुत जल्द ही कुछ और कहना होगा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हम अमेरिका को फिर से महान बनाने में राष्ट्रपति ट्रंप की मदद करने के लिए तैयार हैं!’
ब्रॉडकास्टर ने इस संबंध में कहा कि DOGE स्टाफ और रामास्वामी के बीच तनाव था। इसी के साथ व्हाइट हाउस ने भी DOGE के निर्माण में रामास्वामी की सराहना की थी। ट्रंप टीम की प्रवक्ता एना केली ने कहा था कि विवेक रामास्वामी ने DOGE के निर्माण में हमारी मदद करने में खास भूमिका निभाई है।
क्या है रामास्वामी का प्लान?
वह जल्द ही निर्वाचित पद के लिए चुनाव लड़ने का इरादा कर रहे हैं, जिसके लिए उन्हें DOGE से बाहर रहना होगा। गवर्नर पद के लिए अगर वे चुने जाते हैं, तो वे ओहियो के पहले भारतीय अमेरिकी गवर्नर होंगे।
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