पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने आतंकी सशस्त्र समूहों के दो ठिकानों पर छापेमारी की। इस दौरान दोनों ओर से हुई गोलीबारी में दो पाकिस्तानी सैनिकों और नौ आतंकियों की मौत हो गई।
अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तानी सेना ने अफगानिस्तान की सीमा से लगे खैबर पख्तूनख्वा और डेरा इस्माइल खान जिले में छापेमारी की। पुलिस ने बताया कि लड़ाके तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) से जुड़े थे। पुलिस ने बताया कि शनिवार को लड़ाकों ने अफगानिस्तान सीमा से लगे उत्तर पश्चिमी पाकिस्तान से लगे कुर्रम जिले में घात लगाकर सुरक्षा बलों पर हमला किया था। इस हमले में किसी के हताहत होने की पुष्टि नहीं हुई है।
इससे पहले टीटीपी के एक गुट ने पाकिस्तान के उत्तर पश्चिम में बन्नू में दो विस्फोटक लदे वाहनों ने सैन्य छावनी की चारदीवारी में टक्कर मार दी थी। चार मार्च को हुए इस आत्मघाती हमले में 12 लोगों की मौत हो गई, जबकि 30 अन्य घायल हो गए थे। सेना के जवानों ने कम से कम छह आतंकवादियों को मार गिराया था। हाफिज गुल बहादुर से जुड़े कम चर्चित जैश अल फुरसान ने बन्नू आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी ली। यह समूह तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के कई गुटों में से एक है।
पाकिस्तानी सेना लगातार चला रही अभियान
पाकिस्तानी सेना ने बताया कि पिछले साल कुल 59,775 अभियानों के दौरान 925 आतंकवादी और 383 सैनिक मारे गए। 2021 में अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से पाकिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों में इजाफा हुआ है। पाकिस्तान का आरोप है कि अफगान तालिबान ने तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान को समर्थन दिया है, जिसे कारण आतंकवादी हमलों में वृद्धि हुई है। 2024 को अब तक का सबसे खतरनाक साल माना जाता है, जिसमें 685 सैनिकों को अपनी जान गंवानी पड़ी।
अफगान तालिबान का करीबी सहयोगी है टीटीपी
बता दें कि 2021 में अफगानिस्तान में अफगान तालिबान ने सत्ता पर कब्जा कर लिया था। अफगानिस्तान में सत्ता कब्जाने के बाद से पाकिस्तान में टीटीपी और मजबूत हुआ है। हालांकि, टीटीपी या पाकिस्तान तालिबान एक अलग समूह है, लेकिन यह अफगान तालिबान का करीबी सहयोगी है।
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