सरस्वती नदी में नाव चलाने की योजना बनाई गई है। यहां पानी साफ है।गणगौर घाट और कृष्णपुरा घाट का नया स्वरूप तैयार किया जाएगा। गणगौर घाट से 50 से ज्यादा डंपर खाद के निकाले गए है। पुराने घाटों को संवारकर यहाँ सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने की योजना है।
इंदौर की कान्ह-सरस्वती नदी में वर्षों से नाव चलाने की घोषणा नगर निगम करता है, लेकिन नदी में इतनी गंदगी रहती है कि नाव संचालन संभव नहीं हो पाता। 30 साल पहले कृष्णपुरा छत्री पर कुछ महिनों के लिए नाव का संचालन हुआ था,लेकिन नदी में फिर गंदा पानी आने के बाद उसे बंद करना पड़ा। अब मेयर पुष्य मित्र भार्गव ने इंदौर के अमितेश नगर वाले हिस्से में नाव चलाने की घोषणा की है।
मेयर पुष्यमित्र भार्गव ने रविवार को इंदौर की प्रमुख नदियों और घाटों का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि शहर के जल स्रोत नदी, तालाब, कुएँ, बावड़ी का संरक्षण और सफाई करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। घाटों को सुंदर बनाना, सीवरेज-ड्रेनेज के पानी को नदी में जाने से रोकना और गाद निकालने का कार्य नगर निगम की प्राथमिकताओं में शामिल है।
उन्होंने कहा कि अमितेश नगर स्थित सरस्वती नदी में नाव चलाने की योजना बनाई गई है। यहां पानी साफ है।गणगौर घाट और कृष्णपुरा घाट का नया स्वरूप तैयार किया जाएगा। गणगौर घाट से 50 से ज्यादा डंपर खाद के निकाले गए है। पुराने घाटों को संवारकर यहाँ सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने की योजना है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मोहन यादव की घोषणा के अनुसार शहर के तीन घाटों को छठ पूजा के हिसाब से तैयार किया जाएगा। इसके अलावा शहर की 100 बावडि़यों की सफाई की जाएगी।
आपको बता दे कि पूर्व महापौर उमाशशि शर्मा के कार्यकाल में भी पंद्रह साल पहले नहर भंडारा क्षेत्र में नाव चली थी। उस हिस्से को नगर निगम ने साफ किया था, लेकिन कुछ दिनों बाद उसे भी बंद करना पड़ा था।