अफ्रीकी स्वाइन फीवर (AFS) ने मार्च के महीने में मिजोरम में अपना कहर दिखाया और अब तक 1050 सूअरों की मौत हो चुकी है। राज्य पशुपालन और चिकित्सा विभाग (AHVD) के एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि अब तक तीन जिलों के 34 इलाकों को एएसएफ इंफेक्टेड जोन घोषित किया गया है।
इंटरनेशनल और स्टेट बॉर्डर के सटे इलाके
मिजोरम के जिन तीन जिलों को एएफएस इंफेक्टेड घोषित किया गया है, वो हैं लॉन्गतलाई, ममित और सियाहा। लॉन्गतलाई जिले की सीमा म्यांमार और बांग्लादेश की सीमा से लगी हुई है, ममित जिला त्रिपुरा और बांग्लादेश के साथ सीमा साझा करता है और सियाहा की सरहद म्यांमार से लगी हुई है।
कितने सूअरों को मारा गया?
राज्य पशुपालन और चिकित्सा विभाग की कई टीमों ने इन जिलों में अब तक 400 से अधिक सूअरों और उसके बच्चों को मार डाला है। अफ्रीकी स्वाइन फीवर के नए आउटब्रेक की पुष्टि 20 मार्च को गुवाहाटी में नॉर्थ-ईस्ट रिजनल डिजीज डायग्नोस्टिक लेबोरेटरी में टेस्ट के जरिए हुई थी।
मार्च में हुआ था आउटब्रेक
राज्य पशुपालन और चिकित्सा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मार्च महीने की शुरुआत में लॉन्गतलाई जिले में एएसएफ के नए आउटब्रेक की पुष्टि हुई थी। राज्य सरकार स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही है। अप्रभावित क्षेत्रों में इस बीमारी को पहुंचने से रोकने की कोशिश लगातार जारी है।
ASF से हुआ था भारी आर्थिक नुकसान
पिछले साल एएसएफ के कारण मिजोरम को 336.49 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। करीब 15 हजार सूअरों की मौत हो गई थी। बीमारी के प्रकोप को रोकने के लिए 24 हजार 200 सूअरों को मार डाला गया था।
सरकार ने दिया मुआवजा
राज्य पशुपालन और चिकित्सा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि एएसएफ आउटब्रेक के कारण सूअरों और सूअर के बच्चों को मारे जाने को ध्यान में रखते हुए मिजरम को 2021 में 334.14 करोड़ रुपये, 2022 में 210.32 करोड़ रुपये और 2023 में 15.77 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। इसके बाद सरकार ने सूअरों के नुकसान के लिए सैकड़ों परिवारों को मुआवजा दिया था।
इंसानों के लिए है कितना खतरनाक?
अफ्रीकी स्वाइन फीवर फिलहाल इंसानों के लिए खतरनाक नहीं है क्योंकि ये ह्यूमन को अटैक नहीं करता है। ये सूअरों और जंगली सूअरों में फैलने वाली एक खतरनाक बीमारी और ये उनके लिए जानलेवा भी है।
हालांकि, ये बीमारी इंसानों को इंडायरेक्ट तरीके से अफेक्ट कर सकता है, जैसे सूअर पालन उद्योग को नुकसान, मांस की कमी और आर्थिक नुकसान। इंसानों के संक्रमित जानवरों से दूर रहने की सलाह दी जाती है।
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