Saturday , October 11 2025

रूसी धमकियों से निपटने के लिए भारत पर अतिरिक्त टैरिफ

अमेरिका ने मंगलवार को भारत को एक नोटिस जारी किया है, जिसमें बताया गया है कि 27 अगस्त से अतिरिक्त टैरिफ लागू किए जाएंगे। यह नोटिस अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी विभाग ने जारी किया है। इसमें कहा गया है कि ये टैरिफ रूस सरकार से अमेरिका को मिली धमकियों के जवाब में लगाए जा रहे हैं और भारत को इस नीति के तहत नए टैरिफ का सामना करना पड़ेगा।

नोटिस में कहा गया है कि 27 अगस्त 2025 को 12:01 बजे के बाद जो भारतीय उत्पाद अमेरिका में इस्तेमाल के लिए लाया जाएगा या गोदाम से बाहर निकाला जाएगा, उस पर यह नया टैरिफ लगेगा। नोटिस में यह भी बताया गया है कि अमेरिका ने अपनी सुरक्षा और विदेश नीति को ध्यान में रखते हुए रूस से आने वाले कुछ सामान, जैसे कच्चा तेल और पेट्रोलियम से बने उत्पादों के आयात पर पहले ही रोक लगा दी है।

इसमें आगे कहा गया है कि अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति को असामान्य और गंभीर खतरे से निपटने के लिए कार्यकारी आदेश 14066 के तहत रूस के कुछ उत्पादों के अमेरिका में आयात पर रोक लगाई गई है। इनमें कच्चा तेल, पेट्रोलियम और अन्य ईंधन, तेल और उनसे बने उत्पाद शामिल हैं। नोटिस में भारतीय उत्पादों की एक लंबी सूची भी दी गई है। इसमें कहा गया है कि तय समयसीमा के बाद जो भी सामान अमेरिका में उपयोग के लिए आएगा या गोदाम से निकाला जाएगा, उस पर नए टैरिफ लागू होंगे।

प्रधानमंत्री मोदी का अमेरिका को संदेश

इससे पहले सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छोटे उद्यमियों और किसानों के समर्थन में अमेरिका को एक सख्त संदेश दिया। अहमदाबाद में एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, भारत आर्थिक दबाव का सामना करेगा और अपनी मजबूती बढ़ाता रहेगा। उन्होंने कहा, चाहे कितना भी दबाव आए, हम उसे सहने की ताकत बढ़ाते रहेंगे। प्रधानमंत्री ने जोर दिया कि उनकी सरकार कभी भी छोटे उद्यमियों, किसानों और पशुपालकों को नुकसान नहीं होने देगी। टैरिफ पर अप्रत्यक्ष टिप्पणी करते हुए मोदी ने कहा, आज दुनिया में आर्थिक स्वार्थ वाली राजनीति है, सब अपने-अपने फायदे में लगे हैं। हम इसे अच्छी तरह देख रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा, अहमदाबाद की धरती से मैं आपसे कहना चाहता हूं, गांधी की धरती से आपको वादा करता हूं कि छोटे उद्यमी, दुकानदार, किसान और पशुपालकों के हित मोदी के लिए सबसे महत्वपूर्ण हैं। चाहे कितना भी दबाव आए, हम सहने की अपनी ताकत बढ़ाते रहेंगे।