कई राज्यों में वर्षा और बाढ़ के कारण जन-धन की भारी हानि हुई है। विशेषकर फसलें पूरी तरह नष्ट हो गई हैं। प्रकृति की इस मार से टूट चुके किसानों में वे लोग राहत में हैं, जिन्होंने अपनी फसलों का बीमा कराया है। राष्ट्रीय स्तर पर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के अलावा कुछ राज्यों की अपनी फसल बीमा योजना है। आइये जानें क्या है राज्यों की स्थिति:
किसानों के लिए बनी मददगार: 2017 के खरीफ सीजन से लागू इस योजना ने पिछले वर्षों में प्रीमियम और दावों के निपटान में उल्लेखनीय वृद्धि की है। योजना के पहले वर्ष यानी 2017 में 10 जिलों के 1,58,972 किसानों को कवर किया गया, लेकिन 2018-19 में संख्या घटकर 1,53,772 रह गई। 2023-24 में सभी 20 जिलों के बीमित किसानों की संख्या 2,45,628 हो गई।
बिहार
नहीं लगता कोई प्रीमियम: बिहार में केवल मुख्यमंत्री फसल सहायता योजना लागू है, जिसमें प्रभावित क्षेत्र के सभी किसान कवर होते हैं। कोई प्रीमियम नहीं लगता। बंगाल में कृषक बंधु योजना के तहत किसानों को 10,000 रुपये प्रति वर्ष दिए जाते हैं। फसलों के लिए बांग्ला शस्य बीमा योजना है, जो निश्शुल्क है। बंगाल में किसान, भूमि स्वामी के साथ बटाईदार भी आवेदन कर सकते हैं।
पंजाब
कोई बीमा योजना नहीं: पंजाब में फसली बीमा योजना का कोई प्रविधान नहीं है। वर्ष 2015 में जब प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू हुई, तब पंजाब ने इसे अपनाने से मना कर दिया। 2017 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने अपनी योजना का प्रस्ताव रखा, लेकिन कोरोना के कारण वह क्रियान्वित नहीं हो सकी। वर्तमान में हालत में फसलों को हुए नुकसान को देखते हुए योजना को लागू करने की चर्चा शुरू हो गई है।
उत्तराखंड
मौसम आधारित फसल बीमा योजना भी: उत्तराखंड में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना 2016 से लागू है। राज्य में मौसम आधारित फसल बीमा योजना भी लागू है, जिसमें 77,327 किसान शामिल हैं। एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी और एसबीआइ जनरल इंश्योरेंस नामित की गई हैं। कृषि विभाग के अनुसार, कृषि को 339.47 हेक्टेयर और बागवानी को 11,272.74 हेक्टेयर क्षेत्र में नुकसान हुआ है।
मध्य प्रदेश
55 जिलों में लागू: मध्य प्रदेश के 55 जिलों में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू है। यहां कुल एक करोड़ 10 लाख किसान हैं, जिनमें से 90 लाख किसान इस योजना का लाभ ले रहे हैं।
राजस्थान
सर्वे करने के निर्देश: कृषि मंत्री ने सर्वे के लिए निर्देश दिए हैं। पीएमएफबीवाई में 74 लाख किसानों को लाभमिल रहा है। राज्य सरकार मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत तीन हज़ार देती है।
हरियाणा
आठ वर्षों से लाभ: किसान आठ वर्षों से योजना का लाभ ले रहे हैं। इसमें पंजीकरण न कराने वाले किसानों को 15,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा देने का प्रविधान है।
उत्तर प्रदेश
नुकसान का आकलन: उत्तर प्रदेश में चालू खरीफ सत्र में 20,41,127 किसान इस योजना का लाभ उठा रहे हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में मुआवजा वितरण की प्रक्रिया अभी शुरू नहीं हुई है, लेकिन कुछ स्थानों पर नुकसान के आकलन का कार्य चल रहा है।
इन राज्यों में लागू है योजना
उप्र, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड व ओडिशा समेत 27 राज्यों एवं संघ शासित राज्यों में यह योजना लागू है।
2.0% खरीफ फसलों के लिए किसानों को प्रीमियम।
1.5% वाणिज्यिक व बागवानी फसलों के लिए प्रीमियम।
5.0% शेष प्रीमियम केंद्र व राज्य सरकारें देती हैं। कई राज्यों में फ्री है।