नेपाल में जारी गतिरोध और उग्र आंदोलन के बीच लखीमपुर खीरी जनपद में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर कड़ी चौकसी बरती जा रही है। इस बीच बुधवार देर शाम तिकुनिया इलाके में मोहाना नदी को पार कर तीन संदिग्ध नेपाली भारत की सीमा में प्रवेश कर गए। हालांकि इन्हें एसएसबी ने पकड़ लिया है, जिन्हें पुलिस के हवाले किया गया है। पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है।
नेपाल में सोशल मीडिया पर लगे प्रतिबंध के विरोध में जेन-जी ने आंदोलन छेड़ रखा है। यह आंदोलन मंगलवार को उग्र हो गया और वहां पर काफी हिंसा और आगजनी हुई। इसके बाद मंगलवार शाम से ही जिले में भारत-नेपाल सीमा को जिला प्रशासन ने सील कर दिया। हालांकि बुधवार को सीमा से भारतीय महानगरों से आने वाले नेपालियों को उस पार जाने दिया गया। नेपाल से भारत आने वाले भारतीयों को इस ओर आने दिया गया।
मोहाना नदी पार कर भारत में घुसे
पूरे दिन गौरीफंटा, चंदन चौकी, संपूर्णानगर, खजुरिया और तिकुनिया क्षेत्र में एसएसबी के साथ पुलिस भी गश्त करती रही। देर शाम तिकुनिया इलाके में मोहाना नदी को पार कर तीन संदिग्ध नेपाली भारत की सीमा में प्रवेश कर गए। इन्हें एसएसबी के गश्ती दल ने पकड़ लिया, जिन्हें तिकुनिया कोतवाली पुलिस के हवाले किया गया है। तीनों के नेपाल जेल के बंदी होने की आशंका जताई जा रही है। एसपी संकल्प शर्मा ने बताया कि तीन संदिग्ध एसएसबी ने पकड़े हैं, जिनसे पूछताछ की जा रही है।
सीमा पर सन्नाटे के बीच सुरक्षा का पहरा
नेपाल में हिंसा व आगजनी के बाद बुधवार को लखीमपुर खीरी जिले के गौरीफंटा और पीलीभीत के माधोटांडा की नेपाल-भारत सीमा के साथ ही धनगढ़ी की सड़कों पर सन्नाटा पसरा दिखाई दिया। सुरक्षा का कड़ा पहरा सीमा से लेकर नेपाल के धनगढ़ी शहर तक देखा गया। धनगढ़ी में जगह-जगह बख्तरबंद गाड़ियां हूटर बजाकर निकलती दिखीं और बाजार पूरी तरह से बंद रहा। जहां हिंसा हुई थी, वहां पर केवल जलती चिंगारियों से उठता धुंआ ही नजर आया। गौरीफंटा बॉर्डर पर सामान्य आवागमन पूरी तरह से बंद है।