Wednesday , December 4 2024
Home / देश-विदेश / अब नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन वाली ग्राम पंचायतों का सम्मान: पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह

अब नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन वाली ग्राम पंचायतों का सम्मान: पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह

पर्यावरण संरक्षण के प्रति बेहद संवेदनशील प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्ग दर्शन में केन्द्र सरकार के सभी विभाग अब प्राकृतिक संपदा को सहेजने और पर्यावरण को बेहतर बनाने के प्रयास में लगे हैं। केन्द्र सरकार में केन्द्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में कांन्फ्रेंस आफ पंचायत- 2022 कार्यक्रम में वैकल्पिक उर्जा के उपयोग पर जोर दिया।
केन्द्रीय पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि देश की 70 प्रतिशत आबादी गांवों में रहती है, इसलिए गांवों को जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभाव से बचाना जरूरी है, गांव स्वस्थ होंगे तो देश स्वस्थ व समृद्ध होगा। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार हर वर्ष उत्कृष्ट विकास करने वाली ग्राम पंचायतों को सम्मानित कर रही है, लेकिन इस वर्ष से उन्हीं गांवों को सर्वश्रेष्ठ गांव के रूप में सम्मानित करेंगे जो कार्बन उत्सर्जन में नेट जीरो का लक्ष्य हासिल करेंगी। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार सम्मान के साथ गांवों को इतनी धनराशि देगी कि वो गांव में शानदार विकास करा सकें। मंत्री गिरिराज सिंह ने मिलने वाली धनराशि नहीं बताई केवल यही कहा कि धन अपेक्षा से अधिक होगा। उन्होंने कहा कि इस कार्य के लिए पंचायतें सरकार के नियम कानूनों के भरोसे न रहें, बल्कि वार्षिक कार्ययोजना में नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन को शामिल करें। उन्होंने कहा कि जो पंचायत जीरो कार्बन फुटप्रिंट पर आधारित होगी उ से प्रथम पुरस्कार मिलेगा। कार्बन उत्सर्जन को रोकने के लिए पंचायत सहजन या मोरिंगा, पीपल, नीम और जामुन का वृक्ष लगाएं। आज तो हमें उस पौधे की जरूरत है जो कार्बन को अवशोषित करने के साथ ही आजीविका के लिए भी जरूरी हो। मंत्री ने कहा कि अब लोग थर्मल पावर एनर्जी पर निर्भर न रहें सूर्य और वायुदेव से प्राकृतिक व भौतिक एनर्जी का भरपूर उपयोग करें। देश ने 2014 के बाद से लगातार इस दिशा में कार्य किया है। अब तक 1900 प्रतिशत से अधिक सोलर व अक्षय उर्जा में वृद्धि की है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जो संकल्प लिया है उसे 2030 तक पूरा करना है। उन्होंने कहा कि विकसित देशों ने पर्यावरण का सर्वाधिक दोहन किया है, जबकि भारत ने दुनिया की 18 प्रतिशत आबादी होने के बाद भी केवल पांच प्रतिशत कार्बन उत्सर्जन कर रहा है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सीओपी 2022 सम्मेलन में दुनिया को भारत का सूत्र पंचामृत देने का काम किया है। पहला- भारत तो 2030 तक अपनी जीवाश्म रहित ऊर्जा क्षमता को 500 गीगावाट तक पहुंचाएगा। दूसरा- 2030 तक अपनी भारत 50 प्रतिशत ऊर्जा जरूरत को रीन्यूएबल एनर्जी से पूरी करेगा। तीसरा- अब से लेकर 2030 तक भारत के कुल प्रोजेक्टेड कार्बन एमिशन में एक अरब टन की कमी करेगा। चौथा- 2030 तक भारत अपनी पूरी अर्थव्यवस्था की कार्बन इंटेन्सिटी को 45 प्रतिशत से भी कम करेगा और पांचवां- वर्ष 2070 तक भारत, नेट जीरो का लक्ष्य हासिल करेगा। पंचायती राज मंत्री ने कहा कि अर्थ ओवरशूट दिवस, प्रतिवर्ष उस तारीख को चिह्नित करता है, जब हम पृथ्वी के पूरे साल के लिए उपलब्ध कराए गए समस्त संसाधनों का उपभोग कर चुके होते हैं। यह संसाधन एक जनवरी को खत्म होने चाहिये लेकिन विकसित देशों के अत्यधिक प्रकृति दोहन के कारण यह सात महीने में ही खत्म हो जाता है। उन्होंने कहा कि देश के ड्राइंग रुम और गांवो की पंचायतों में इस पर बात होनी चाहिये। केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री श्री गिरिराज सिंह ने कहा कि दुनिया की लगभग 18 प्रतिशत जनसंख्या भारत में निवास करती है, जबकि दुनिया की केवल 2.4 फीसद जमीन, चार फी़सद पीने का पानी हैं लेकिन भारत की कार्बन उतसर्जन में सिर्फ 5 प्रतिशत की भागीदारी है। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन का परिणाम भारत सहित पूरी दुनिया भोग रही है। जिसके लिये भारत प्राकृतिक और जैविक खेती को बढावा दे रहा है। उन्होंने ने कहा कि प्रधानमंत्री के पंचामृत के सूत्र के अलावा भारत ने इंटरनेशनल सोलर एलायंस पर एक समझौता किया है जिससे पूरे देश में रिन्यूबल एनर्जी का एक जाल बिछेगा। उन्होंने कहा कि गंगा नदी के जीर्णोद्दार के खर्च के बजट में 288 प्रतिशत की बढोतरी की गयी है। भारत ने राजस्थान के भड़ला सोलर पार्क की स्थापना उसके लक्ष्य की गंभीरता को दुनिया के सामने रखने का कार्य किया है। 2014 की तुलना में भारत की सोलर एनर्जी में 1900 प्रतिशत की वृद्दि हुई है। गिरिराज सिंह ने कहा कि विकसित देशों ने जितना प्रकृति का दोहन किया है, विकासशील देशों ने उसका पांच प्रतिशत भी दोहन नहीं किया है। उन्होंने ने कहा कि आज हमें थर्मल एनर्जी के भरोसे रहने की कोई जरूरत नहीं है। हमारी सरकार ने तय किया है रिन्यूबल एनर्जी को प्राथमिकता देना है। उन्होंने कहा कि कुछ वर्ष पहले चीन और अमेरिका ने पेरिस जलवायु समझौते से अपने को अलग कर लिया था लेकिन आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अथक प्रयासों से भारत रिन्यूबल एनर्जी को 100 गीगावाट तक ले आया है। जिसके कारण चीन और अमेरिका भी अब भारत का समर्थन कर रहे हैं। अब तो चलते भारत पूरे विश्व का मार्गदर्शन कर रहा है।

उत्तर प्रदेश के पंचायती राज मंत्री भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने कहा कि अब तो प्राकृतिक संसाधनों को बचाया जाना जरूरी है। सभी अपने को भावी पीढ़ी का संरक्षक मानकर कार्य करें। इस अवसर पर पर्यावरण मंत्री डा अरुण कुमार सक्सेना ने कहा कि हर गांव में 75 पौधे जरूर लगाएं, बच्चों को पौधारोपण के लिए प्रेरित करें। स्कूलों की चहारदीवारी के अंदर पौधे लगाए। राज्यमंत्री केपी मलिक ने लोगों को जागरूक करने पर जोर दिया। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने कहा कि दूसरों को न देखें बल्कि खुद पर्यावरण बचाने में योगदान दें। इस मौके पर फर्रुखाबाद की प्रभा शुक्ला, चित्रकूट के सुशील कुमार शुक्ल व रायबरेली की तारादेवी को जलवायु मित्र के रूप में सम्मानित किया गया। इसके साथ ही हरीतिमा मोबाइल एप व यूपी प्लास्टिकाथन 2022 और जलवायु परिवर्तन दिग्दर्शिका आदि पुस्तकों का लोकार्पण किया गया।