यदि आप अपनी नौकरी से असंतुष्ट हैं तो आप कमर दर्द के शिकार भी हो सकते हैं। हाल ही यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टर्न आस्ट्रेलिया के एक अध्ययन से पता चला है कि जो लोग अपनी नौकरी से असंतुष्ट रहते हैं,उनमें सकारात्मक सोच रखने वालों की तुलना में कमर दर्द की शिकायत होने की सम्भावना रहती है।
यूनिवर्सिटी के ऑर्थोपेडिक्स विभाग के रिसर्च एसोसिएट प्रोफेसर मार्कस मेलो ने पाया कि गाहे-बगाहे कमर दर्द के मरीजों में से एक तिमाही में स्थिति गम्भीर हो गयी और इससे उनका सामाजिक और पेशेवर जीवन प्रभावित हो गया। चिकित्सा जांच में हालांकि उनमें स्लिप डिस्क या अन्य ऐसे संकेतों का पता नहीं चला जिससे कमर दर्द के कारणों को समझा जा सके। विश्वविद्यालय के बयान के मुताबिक मेलो ने कहा कि हर किसी को कभी न कभी कमर या गर्दन में दर्द हो ही जाता है लेकिन हम उनकी बात कर रहे हैं जिनमें यह दर्द लगातार रहती है और इसका कारण समझ में नहीं आता।
अध्ययन के निष्कर्ष सिडनी में स्पिन सोसायटी ऑफ आस्ट्रेलिया में शुक्रवार को प्रस्तुत किए जाएंगे। इस अध्ययन में कमर दर्द के कारण पहली बार चिकत्सक के पास आने वाले ऎसे 315 रोगियों का साक्षात्कार लिया गया और तीसरे, छठे और12वें सप्ताह तथा छठे महीने में उनसे बात की गई।