उत्तराखंड में पुलों पर खतरा मंडरा रहा है। वर्षा काल के दौरान विभिन्न स्थानों पर पुलों के क्षतिग्रस्त होने की घटनाओं के बाद लोक निर्माण विभाग ने इनका विस्तृत सर्वे कराने का निश्चय किया। अभी तक दो हजार से अधिक पुलों का सर्वे हो चुका है। इनमें 120 से अधिक पुल असुरक्षित पाए गए। इनमें से कुछ में आवागमन जारी है जबकि कुछ में बंद है आवागमन।
आवागमन के हिसाब से असुरक्षित पुलों को दुरुस्त कराने से पहले इनका थर्ड पार्टी सर्वे कराया जा रहा है। इसके लिए आइआइटी रुड़की समेत अन्य तकनीकी संस्थानों का सहयोग लिया जाएगा। लोक निर्माण विभाग के विभिन्न खंड इन संस्थानों से इस्टीमेट ले रहे हैं।
विभाग का मानना है कि अगले दो माह में पुलों का थर्ड पार्टी ऑडिट कराने की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। प्रदेश में इस समय राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य राजमार्ग, जिला व संपर्क मार्गों पर तकरीबन तीन हजार छोटे व बड़े पुल हैं।
दो हजार से अधिक पुलों का हुआ सर्वे
वर्षा काल के दौरान विभिन्न स्थानों पर पुलों के क्षतिग्रस्त होने की घटनाओं के बाद लोक निर्माण विभाग ने इनका विस्तृत सर्वे कराने का निश्चय किया। अभी तक दो हजार से अधिक पुलों का सर्वे हो चुका है। इनमें 120 से अधिक पुल असुरक्षित पाए गए। इनमें से कुछ में आवागमन जारी है, जबकि कुछ में भारी वाहनों का आवागमन रोका गया है।
सभी पुलों का किया गया सर्वे
असुरक्षित श्रेणी में शामिल इन सभी पुलों को दुरुस्त किया जाना है। इसके बाद बड़े पुलों की सुरक्षा को लेकर सरकार के निर्देशों पर शासन ने कदम उठाने शुरू किए। पहले शासन ने विभाग को सभी बड़े पुलों का सर्वे करने का निर्देश दिया, जिसमें यह देखा गया कि पुलों की स्थिति क्या है। इनमें से कितने पुलों को मरम्मत की जरूरत है।
थर्ड पार्टी ऑडिट में खुली कई बातें
सर्वे के बाद शासन ने असुरक्षित श्रेणी के पुलों के निर्माण अथवा मरम्मत से पहले थर्ड पार्टी ऑडिट कराने का निर्णय लिया। इसमें देखा जाएगा कि इनके मौजूदा डिजाइन में बदलाव की कोई जरूरत तो नहीं है। साथ ही इन्हें और अधिक मजबूत और टिकाऊ कैसे बनाया जा सकता है।
लोक निर्माण विभाग के विभागाध्यक्ष दीपक यादव का कहना है कि इस समय थर्ड पार्टी ऑडिट के लिए आइआइटी रुड़की समेत अन्य संस्थाओं से इस्टीमेट लिया जा रहा है। कुछ का इस्टीमेट मिल चुका है। उन्होंने कहा कि अगले दो माह में यह आडिट करा दिया जाएगा। इस आडिट के आधार पर इनका निर्माण कार्य प्रारंभ करा दिया जाएगा।
इन पुलों को हुआ नुकसान
इस वर्षाकाल में पौड़ी जिले के कोटद्वार में मालन नदी का पुल टूट गया था। इससे यहां लंबे समय तक यातायात संपर्क बाधित रहा। हरिद्वार के रोशनाबाद में अनेकी नदी में पुल टूटने से कई गांवों का संपर्क टूट गया था। चमोली जिले के थराली में भी भारी बरसात के चलते मोटर पुल ध्वस्त हो गया था। गत वर्ष देहरादून जिले के थानों में भोपालपानी पुल टूट गया था।