थाना रामपुरा सिटी में पुलिस ने मृतक के परिजनों के बयान पर घुम्मन कलां की नशा विरोधी कमेटी के अध्यक्ष गग्गी और सदस्य गुरप्रीत सिंह के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर लिया है। एसपी (गुप्तचर) अजय गांधी ने कहा कि पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है। अगर वारदात में कोई और शामिल मिला तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
बठिंडा जिले के गांव घुम्मन कलां की नशा विरोधी कमेटी के अध्यक्ष गग्गी ने अपने साथियों के साथ मिलकर रामपुरा सिटी से एक नशा तस्कर को अगवा कर लिया। अगवा करने के बाद उक्त लोगों ने नशा तस्कर की पीट-पीटकर हत्या कर दी। मृतक की पहचान दलजिंदर सिंह (22) निवासी गांव महिराज जिला बठिंडा के तौर पर हुई है।
आरोपियों ने घटना को छिपाने के लिए मृतक के शव को रामपुरा के एक गंदे नाले में फेंक दिया। वहीं मृतक के परिजनों ने जब पुलिस को शिकायत की तो पुलिस ने जांच के बाद शनिवार को घुम्मन कलां की नशा विरोधी कमेटी के अध्यक्ष गग्गी एवं सदस्य गुरप्रीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने दोनों आरोपियों की निशानदेही पर शव को गंदे नाले से बरामद कर लिया है। थाना सिटी रामपुरा पुलिस ने मृतक के परिजनों के बयान पर उक्त आरोपियों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर अगली जांच शुरू कर दी है।
थाना सिटी रामपुरा के इंस्पेक्टर अमृतपाल सिंह ने बताया कि दलजिंदर सिंह के परिजनों ने पुलिस को 15 अक्तूबर को शिकायत दी थी। पुलिस ने दलजिंदर के परिजनों की शिकायत पर अज्ञात लोगों के खिलाफ अगवा करने के आरोप में केस दर्ज कर लिया था। इंस्पेक्टर ने बताया कि बीते दिन दलजिंदर सिंह के परिजनों ने बताया कि उनके लड़के को गांव घुम्मन कलां की नशा विरोधी कमेटी के कुछ लोगों ने अगवा किया है।
इंस्पेक्टर ने बताया कि जब नशा विरोधी कमेटी के अध्यक्ष गग्गी और सदस्य गुरप्रीत सिंह को हिरासत में लिया तो बड़ा खुलासा हुआ। कमेटी के अध्यक्ष गग्गी और सदस्य गुरप्रीत सिंह ने अपने साथियों के साथ मिलकर 10 अक्तूबर को रामपुरा सिटी से दलजिंदर सिंह को अगवा किया था और उसे खूब पीटा था। पिटाई के दौरान दलजिंदर सिंह की मौत हो गई। इसके बाद आरोपियों ने शव को रामपुरा में एक गंदे नाले में फेंक दिया।
थाना रामपुरा सिटी में पुलिस ने मृतक के परिजनों के बयान पर घुम्मन कलां की नशा विरोधी कमेटी के अध्यक्ष गग्गी और सदस्य गुरप्रीत सिंह के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर लिया है। एसपी (गुप्तचर) अजय गांधी ने कहा कि पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है। अगर वारदात में कोई और शामिल मिला तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस और ग्रामीण आमने-सामने
नशा रोकने के खातिर ग्रामीण क्षेत्र के लोगों ने अपने स्तर पर ही गांव-गांव में नशा विरोधी कमेटी बनाई है। ये कमेटियां आम लोगों के यहां तलाशी लेती हैं। कई बार बात लड़ाई-झगड़ा तक पहुंच जाती है। एडीजीपी एसपीएस परमार का कहना है कि अपने स्तर पर नशा विरोधी कमेटी बनाकर और नाके लगाकर आम लोगों की जांच करना गलत है। वहीं ग्रामीणों का आरोप है कि वो नशा तस्करों के बारे में पुलिस को सूचना देते हैं लेकिन पुलिस कोई कारवाई नहीं करती है। निचले स्तर पर कई पुलिस कर्मी ही नशा तस्करों का साथ दे रहे हैं। यही वजह है कि ग्रामीणों को नशा विरोधी कमेटी बनाना पड़ा।