महानवमी के दिन विधि-विधान से माता रानी की पूजा के साथ हवन किया जाता है। साथ ही देवी मां को भोग में हलवा-पूरी और खीर का भोग लगाया जाता है। सुख, धन, समृद्धि पाने के लिए भी नवरात्रि का आखिरी दिन बेहद खास माना जाता है।
Maha Navami 2023: आज शारदीय नवरात्रि की नवमी तिथि है। महानवमी पर कंजक पूजन के साथ ही नवरात्रि का समापन हो जाएगा। यह दिन मां सिद्धिदात्री को समर्पित है। मां दुर्गा की नौवीं शक्ति को सिद्धिदात्री कहा जाता है। महानवमी के दिन विधि-विधान से माता रानी की पूजा के साथ हवन किया जाता है। साथ ही देवी मां को भोग में हलवा-पूरी और खीर का भोग लगाया जाता है। सुख, धन, समृद्धि पाने के लिए भी नवरात्रि का आखिरी दिन बेहद खास माना जाता है। इस दिन पूजा करने से मां सिद्धिदात्री सभी मनोरथ सिद्ध करती हैं। इस दिन पूजा के दौरान मां सिद्धिदात्री की आरती करना भी शुभ होता है। मां की सिद्धिदात्री की आरती इस प्रकार है-
मां की सिद्धिदात्री की आरती
जय सिद्धिदात्री तू सिद्धि की दाता!!
तू भक्तों की रक्षक
तू दासों की माता!!
तेरा नाम लेते ही मिलती है सिद्धी
तेरे नाम से मन की होती है शुद्धि!!
कठिन काम सिद्ध कराती हो तुम
हाथ सेवक के सिर धरती हो तुम!!
तेरी पूजा में न कोई विधि है
तू जगदंबे दाती, तू सर्वसिद्धी है!!
रविवार को तेरा सुमरिन करे जो
तेरी मूर्ति को ही मन में धरे जो !!
तू सब काम कराती है उसके पूरे
कभी काम उसके रहे न अधूरे!!
तुम्हारी दया और तुम्हारी यह माया
रखे जिसके सर पर मैया अपनी छाया!!
सर्व सिद्धी दाती वह है भाग्यशाली
जो है तेरे दर का ही मां अंबे सवाली!!
हिमाचल है पर्वत जहां वास तेरा
महानंदा मंदिर में है वास तेरा!!
मुझे आसरा तुम्हारा ही माता
भक्ति है सवाली तू जिसकी दाता!!