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मां-बेटी पर स्कूल से लौटते समय सांड ने किया जानलेवा हमला

नोएडा में स्कूल से लौटते समय मां-बेटी पर सांड ने हमला कर दिया। हमले में तीन साल की मासूम को सिर, हाथ और पैर में चोट आई है। राहगीरों ने किसी तरह शोर मचाकर सांड को भगाकर दोनों की जान बचाई।
नोएडा के सेक्टर-115 के सोरखा गांव के पास लवारिस सांड ने स्कूल से लौट रही मां-बेटी हमला कर दिया। हमले में तीन वर्षीय मासूम अंशिका और उसकी मां गंभीर रूप से घायल हो गई। हमले के बाद दोनों बुरी तरह से डरी हुई हैं।

मां-बेटी घर से बाहर निकलने के लिए तैयार नहीं हैं। बुधवार को सोरखा गांव निवासी रितू बेटी अंशिका को श्रीमेमोरियल पब्लिक स्कूल से लेकर पैदल घर लौट रही थीं। घर से कुछ पहले लावारिस सांड ने दोनों पर हमला कर दिया। राहगीरों ने किसी तरह शोर मचाकर सांड को भगाकर दोनों की जान बचाई।

बच्ची के पिता राजेश मौर्य उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण विभाग में सेक्टर-116 में ऑपरेटर हैं। घटना की सूचना मिलते ही राजेश मौके पर पहुंचे। पत्नी और बेटी को तुरंत पास स्थित निजी अस्पताल ले गए। दोनों के हाथ, पैर व सिर में चोट आई है। डॉक्टर ने उपचार के बाद दोनों को घर भेज दिया है।

घटना के बाद से पीड़ित परिजनों समेत गांव के लोगों ने प्राधिकरण और जिला प्रशासन से सड़कों पर घूमने वाले लावारिस जानवरों को पकड़ने की मांग की है। राजेश मौर्य ने कहा कि आए दिन शहर में ऐसी घटनाएं होती रहती हैं। हर बार इसकी शिकायत प्राधिकरण और प्रशासन से की जाती है। आरोप है कि अधिकारी इस मामले को गंभीरता से नहीं लेते। इससे लोगों को परेशानी हो रही है।

नहीं लिया सबक
13 अगस्त 2022 : ग्रेनो के अल्फा-1 सेक्टर निवासी जगदीश गुप्ता बच्चों को ट्यूशन छोड़ कर लौट रहे थे। सांड के हमले में वह गंभीर रूप से घायल हो गए।
7 सितंबर 2023: दनकौर के समसपुर में स्कूल से घर लौट रहे बच्ची को सांड ने पटक दिया था। बच्ची गंभीर रूप से घायल हो गई।
12 अगस्त 2022 : नोएडा के सलारपुर में भाई को राखी बांधने जा रही आठ वर्षीय मासूम को सांड ने पटका।
प्राधिकरण लापरवाह हवा-हवाई साबित हुआ जुर्माना लगाने का दावा
शहर की सड़कों पर पालतू या लावारिस गोवंशों (गाय, भैंस, सांड) के घूमते पाए जाने पर पशु मालिकों पर 20 हजार रुपये तक के जुर्माने का एलान किया गया था। हालांकि इस पर सख्ती से कार्रवाई नहीं की गई। जिससे सड़कों पर हालात जस के तस बने हुए हैं। दरअसल प्राधिकरण के सीईओ ने सड़कों पर पाए जाने वाले गौवंशों को हटाने के निर्देश संबंधित जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दिए थे। इन आदेशों को लागू कराने के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया।