यमुनोत्री हाईवे के निकट छोटे से गांव सिलक्यारा को सुरंग हादसे ने बड़ी पहचान दी है। हादसे के बाद गुमनाम सा यह गांव देश-विदेश की सुर्खियां में रहा। हैशटैग उत्तरकाशी रेस्क्यू से इस हादसे को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर अब तक चार हजार से ज्यादा पोस्ट की जा चुकी हैं, जबकि गूगल पर उत्तराखंड टनल लेटेस्ट न्यूज कीवर्ड से इस हादसे से जुड़ी खबरों को 13 दिन में 20 हजार से अधिक बार सर्च किया गया है।
12 नवंबर को बड़ी दिवाली के दिन यमुनोत्री हाईवे पर सिलक्यारा बैंड के निकट निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में भूस्खलन से 41 श्रमिक सुरंग के अंदर ही फंस गए। इसके बाद यह खबर बहुत तेजी से देश-विदेश में फैली।
पिछले 12 दिनों से सुरंग में फंसे श्रमिकों को बचाने लिए केंद्र व राज्य की करीब 19 एजेंसियां रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं। देशभर से कई बड़ी मशीनें यहां ड्रिलिंग और बोरिंग के लिए पहुंचाई गईं। देश के कई बड़े वैज्ञानिक संस्थानों के विशेषज्ञ भी सिलक्यारा पहुंचे।
वहीं, विदेशी एक्सपर्ट भी बुलाए गए। हादसे के रेस्क्यू ऑपरेशन को कवर करने के लिए देश-विदेश के तमाम बड़े मीडिया संस्थान सिलक्यारा पहुंचे।
इसके अलावा राज्य व केंद्र के कई बड़े अफसरों के साथ मंत्री भी यहां पहुंचे। सोशल मीडिया पर नजर डालें तो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर हैशटैग उत्तरकाशी रेस्क्यू से शुक्रवार शाम तक 4,972 पोस्ट हो चुकी हैं।
वहीं, गूगल पर उत्तराखंड टनल लेटेस्ट न्यूज कीवर्ड को 20 हजार से ज्यादा लोगों ने खोजा है।
सिलक्यारा में निर्माणाधीन जिस सुरंग में हादसा हुआ, वह चारधाम महामार्ग परियोजना में निर्माणाधीन राज्य की सबसे लंबी 4.5 किमी है। इसका निर्माण मार्च 2024 तक पूरा होना था, लेकिन हादसे के बाद अब इसका निर्माण कार्य प्रभावित होना तय है।
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