पुलिस ने बताया कि पूछताछ के दौरान एक शिकारी ने बताया कि लिटिल कोको द्वीप उन्हें चार से छह बोतलें मिली, जिसमें स्प्रिट होने का संदेह था। इस पूरी यात्रा के दौरान अन्य साथियों ने उसका सेवन किया, जिसके बाद उनके आठ साथी अस्वस्थ्य हो गए।
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के सुदूर नारकोंडम द्वीप में म्यांमार के छह शिकारियों के शव पाए जाने के मामले में पुलिस जांच में एक बड़ा खुलासा हुआ है। एक अधिकारी ने बताया कि 12 फरवरी को पड़ोसी देश से 10 लोग समुद्री संपदा इकट्ठा करने के लिए अवैध रूप से भारतीय जल सीमा में घुस गए थे।
म्यांमार के उन 10 लोगों में छह की मौत भूख और नशे के कारण हो गई। वहीं, अन्य दो घने जंगल में लापता हो गए और दो को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। गिरफ्तार किए गए एक शिकारी से पूछताछ के बाद यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ। शनिवार को नारकोंडम द्वीप के जंगल के किनारे छह शव पाए गए थे। बता दें कि नारकोंडम द्वीप म्यांमार के कोको द्वीप से केवल 126 किमी ही दूर है।
समुद्री संपदा के लिए भारतीय जल सीमा में घुसे म्यांमार के नागरिक
पुलिस के सूत्रों ने बताया कि म्यांमार के इन नागरिकों को लाबुट्टा के निवासी क्यॉ जार विन ने काम पर लगाया था। उसने नागरिकों को अग्रिम भुगतान के साथ उनकी यात्रा के लिए पानी और ईंधन जैसी आवश्यक आपूर्ति की व्यवस्था भी की थी। वे अंडमान और निकोबार द्वीप में समुद्री संपदा की खोज में दो फरवरी को म्यांमार के एइयारवेडी से रवाना हुए। उनके पास 200 किलो चावल, 1000 लीटर डीजल और अन्य आवश्यक चीजें भी थी।
पांच फरवरी को वे म्यांमार के खुले सागर में पहुंचे और वहां से उन्हें कोको द्वीप में पहुंचने के लिए दो दिन लगा। कोको द्वीप में 11 फरवरी तक रुकने के बाद उन्होंने अपनी यात्रा फिर से शुरू की। 12 फरवरी को रात के 10 बजे वे अंडमान और निकोबार द्वीप पहुंचे।
चट्टान से टकराया था शिकारियों का नाव
पुलिस ने बताया कि पूछताछ के दौरान एक शिकारी ने बताया कि जब वे लिटिल कोको द्वीप पर थे, तब उन्हें चार से छह बोतलें मिली, जिसमें स्प्रिट होने का संदेह था। इस पूरी यात्रा के दौरान अन्य साथियों ने उसका सेवन किया, जिसके बाद मास्टर मायो ल्विन ऊ और आठ अन्य सदस्य अस्वस्थ्य हो गए। बाकी सदस्यों के नशे में और रात का समय होने के कारण अंधेरे में उनका नाव एक चट्टान से टकरा गया था।
एक अधिकारी ने बताया, ‘वे मोबाइल फोन, कुछ राशन सामग्री और शराब सहित अपना सामान अपने साथ लेकर वहां से निकल गए। अगली सुबह 13 फरवरी को, वे तटीय क्षेत्र को छोड़कर द्वीप के ऊपरी भूमि क्षेत्र में पहुंच गए। दो लोगों ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया, जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया।’ बताया जा रहा है कि चट्टान से टकराने के कारन उनका अनाज भी नष्ट हो गया था। वहीं अन्य नागरिकों का शव पोर्ट ब्लेयर के जीबी पंत अस्पताल में लाया गया। फिलहाल इस मामले में आगे की जांच जारी है।
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