नरेंद्र मोदी आज जी 7 शिखर सम्मलेन में हिस्सा लेने के लिए इटली जाएंगे। भारत की यह 11वीं और पीएम मोदी की 5वीं भागीदारी होगी। इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी और कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो शुक्रवार को आपस में बातचीत करेंगे। वे वैश्विक दक्षिण से संबंधित मुद्दों को संबोधित करने के साथ-साथ रूस-यूक्रेन संघर्ष के दौरान हो रहे संवाद को भी उठाएंगे।
बता दें कि विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने केवल इतालवी प्रधानमंत्री और मेजबान जियोर्जिया मेलोनी के साथ बैठक की पुष्टि की थी, साथ ही उन्होंने कहा था कि द्विपक्षीय बैठकों की सूची को अभी भी अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने ट्रूडो के साथ बैठक की संभावना से इनकार नहीं किया है।
सख्त कार्रवाई की है उम्मीद
क्वात्रा ने आगे मोदी की जी7 यात्रा के बारे में जानकारी देते हुए कहा, ‘मुख्य मुद्दा यह है कि कनाडा भारत विरोधी तत्वों को राजनीतिक स्थान प्रदान करता है जो चरमपंथ और हिंसा की वकालत करते हैं। उन्होंने आगे ये भी कहा, ‘हमने बार-बार अपनी चिंताओं से उन्हें अवगत कराया है और हम उनसे कड़ी कार्रवाई की उम्मीद करते हैं।’
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अपने कनाडाई समकक्ष जस्टिन ट्रूडो के बधाई संदेश का जवाब भी दिया था। इस जवाब में आपसी समझ और एक-दूसरे की चिंताओं के प्रति सम्मान के आधार पर ओटावा के साथ सहयोग करने की नई दिल्ली की मंशा को रेखांकित किया गया था। पीएम मोदी ने कहा था कि वो कनाडा के साथ काम करने के लिए उत्सुक हैं।’
भारत ने उठाया ये मुद्दा
भारत ने लगातार इस बात पर प्रकाश डाला है कि द्विपक्षीय संबंधों में मुख्य मुद्दा कनाडा में खालिस्तान समर्थक तत्वों को प्रदान किया गया है। इसके अलावा खालिस्तानी समर्थक गुटों की तरफ से भारतीय राजनयिकों को धमकी देने के कई मामले भी सामने आए हैं।
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