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संस्कृत हमारी देव भाषा-रमन

रायपुर 25 अगस्त।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह ने कहा है कि संस्कृत देव भाषा है।जब दुनिया में लोगों को अक्षर ज्ञान नहीं था, तब हमारे ऋषि-मुनियों ने वैदिक ग्रथों की रचना की।ऋषि-मुनियों ने संस्कृत भाषा में कालजयी ग्रंथ लिखे। इन ग्रंथों में ज्ञान-विज्ञान, खगोल शास्त्र, चिकित्सा शास्त्र का अथाह भण्डार है।

डा.सिंह आज यहां छत्तीसगढ़ संस्कृत विद्यामंडलम् द्वारा आयोजित संस्कृत विद्वानों और मेधावी विद्यार्थियों के सम्मान समारोह को सम्बोधित कर रहे थे।उन्होने कहा कि लगभग सभी भाषाओं के बहुत सारे शब्द संस्कृत भाषा से लिए गए हैं।संस्कृत भाषा शोध और अनुसंधान कार्यों के लिए सबसे उपयुक्त भाषा है।

उन्होने इस मौके पर संस्कृत के प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक और हाईस्कूल के विद्यार्थियों को प्रति माह दिए जाने वाली छात्रवृत्ति की राशि दोगुनी करने की घोषणा की।वर्तमान में प्राथमिक विद्यालय के विद्यार्थियों को 40 रूपए, पूर्व माध्यमिक के विद्यार्थियों को एक सौ रूपए और हाईस्कूल के विद्यार्थियों को 150 रूपए प्रतिमाह छात्रवृत्ति दी जाती है। उन्होंने गैर अनुदान प्राप्त संस्थाओं को छत्तीसगढ़ संस्कृत विद्यामंडलम् द्वारा दिए जाने वाले अनुदान की राशि में भी वृद्धि की घोषणा की।

उन्होंने कहा कि संस्कृत के प्राथमिक विद्यालय को दी जाने वाली अनुदान राशि 10 हजार से बढ़ाकर 20 हजार, पूर्व माध्यमिक विद्यालय को 20 हजार से बढ़ाकर 30 हजार और हायर सेकेण्डरी विद्यालयों को 40 हजार से बढ़ाकर 50 हजार रूपए करने की घोषणा की।डॉ. सिंह ने कहा कि संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
स्कूल शिक्षा मंत्री केदार कश्यप ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।

मुख्यमंत्री ने समारोह में संस्कृत विद्यामंडलम् की ओर से डॉ.पुष्पा दीक्षित को महर्षि वेदव्यास सम्मान, इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ की सहायक प्राध्यापिका डॉ. पूर्णिमा केलकर को माता कौशल्या सम्मान, श्री उदय प्रसाद साहित्य शोध संस्थान दुर्ग को ऋषि श्रृंग सम्मान और श्री रामचंद्र संस्कृत पाठशाला रायपुर के डॉ. वंशीधर शर्मा को लोमश ऋषि सम्मान से विभूषित किया।