छत्तीसगढ़ के कबीरधाम स्थित प्रसिद्ध भोरमदेव मंदिर तक हर साल सावन महीने के प्रथम सोमवार को पदयात्रा का आयोजन किया जाता है। यह पदयात्रा पूरे प्रदेश में प्रसिद्ध है। पदयात्रा में कई बड़े नेता व अधिकारी शामिल होते हैं। कवर्धा से करीब 16 किमी लंबी इस पदयात्रा में 10 हजार से अधिक लोग शामिल होते हैं। इस साल पदयात्रा सावन के पहले सोमवार पर 22 जुलाई को निकाली जाएगी।
भोरमदेव पदयात्रा सुबह सात बजे कवर्धा के बूढ़ा महादेव मंदिर से प्रारंभ होकर भोरमदेव मंदिर तक होगी। इस आयोजन को लेकर तैयारी शुरू हो गई है। कलेक्टर जन्मेजय महोबे ने भोरमदेव मंदिर परिसर में अधिकारियों की बैठक लेकर यहां आने वाले श्रद्धालुओं और पदयात्रा की व्यवस्थाओं के लिए उन्हें दायित्व सौंपे है। पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी व्यवस्था और सुरक्षा के बेहतर इंतजाम रहें। सभी अधिकारी को जिम्मेदारी पूर्वक सौंपे गए दायित्व को समय सीमा में पूरा करने निर्देश दिए। कलेक्टर ने अधिकारियों की बैठक के बाद भोरमदेव मंदिर परिसर समेत पदयात्रियों के रुकने के लिए भवन, मेला स्थल का निरीक्षण किया और आवश्यक व्यवस्था करने के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने कांवरियों के विश्राम के लिए रास्ते में पड़ने वाले पंचायत भवन, सामुदायिक भवन, प्रतीक्षालय आदि सार्वजनिक स्थानों को आरक्षित रखते हुए वहां के शौचालय, बिजली, पेयजल व्यवस्था को दुरूस्त करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने भोरमदेव मंदिर के पास स्थित कांवरिया भवन समेत अन्य सार्वजनिक भवनों का निरीक्षण कर सभी आवश्यक व्यवस्थाएं पूर्ण करने के निर्देश दिए। गौरतलब है कि भोरमदेव मंदिर तक यह पदयात्रा साल 2008 में शुरू हुई है, जो कोरोना काल के वर्ष 2020 व 2021 को छोड़कर लगातार हर साल हो रहीं है।