मैनपुरी में एक परिवार तीन पीढ़ी से तारकशी कला का काम कर रहा। राजा शिवमंगल सिंह के जमाने में मुंशीलाल ने ये काम शुरू किया। इनसे लालता प्रसाद शाक्य ने ये कला सीखी। बाद में लालता प्रसाद के बेटे राम स्वरूप शाक्य ने पिता की परंपरागत कला को आगे बढ़ाया। …
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