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छत्तीसगढ़: किरंदुल में ‘जलजला’; एनएमडीसी का डैम टूटा, पानी में बही गाड़ियां

इस बार की बारिश आफत बनकर आई है। लोग आये दिन भारी बारिश से परेशान हैं। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के किरंदुल नगर में अतिवृष्टि के कारण रविवार को एनएमडीसी का डैम टूट गया। बंगाली कैम्प के ऊपर 11-सी का बांध टूटने से कई मकान पानी की जद में आ गये। पानी का रौद्र रूप देखकर सभी लोग सहम गये। कई लोग जान बचाकर भागे। इस दौरान कई गाड़ियां पानी में बह गईं तो कई जद्दोजहद करती दिखीं। ऐसे में लापता छह वर्षीय बालक घंटों मशक्कत के बाद वापस मिला। सोशल मीडिया पर कई खतरनाक वीडियो सामने आ रहे हैं।

अधिक बारिश होने के कारण डैम क्षतिग्रस्त हो गया। इस वजह से कई घर बाढ़ की चपेट में आकर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। इस संबंध में जिला प्रशासन ने तत्काल लोगों को सुरक्षित स्थान ले जाया गया है। इसके अलावा किरंदुल के गाटर पुलिया एवं सीएससी सेंटर के पास भी बारिश से जल जमाव होने से जेसीबी मशीन से रोड की साफ-सफाई की गई। जिला प्रशासन ने निचली बस्तियों में जलभराव को देखते हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है।

इसके साथ ही जिला प्रशासन मौके पर तैनात होकर रेस्क्यू कर रहा है। प्रभावित परिवारों को मंगल भवन में ठहराया गया है। इस दौरान ट्यूशन पढ़ाने जा रहे बच्चे, जो बाढ़ की चपेट में आ गए थे उन्हें भी रेस्क्यू कर बचाया गया। उनको अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। वर्तमान में उनकी स्थिति सामान्य है। जिला प्रशासन ने लगातार भारी बारिश के कारण बाढ़ग्रस्त क्षेत्र के समीप रहने वाले लोगों को अन्य जगह शिफ्ट होने की हिदायत दी जा रही है और स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। सड़क पर कई गाड़ियां बहती नजर आईं। बांध टूटने से वाहन मालिकों को भारी नुकसान पहुंचा है। बस्तर के कई जिलों में बारिश ने आफत मचाई है। सुकमा जिले में बाढ़ के हालात नजर आ रहे हैं। वहीं बीजापुर में भी जनजीवन प्रभावित है। कई गांवों से संपर्क टूट गया है।

दूसरी ओर बीजापुर से हैदराबाद जाने वाली मार्ग को भोपालपटनम के आगे रामपुरम कैम्प के पास इंद्रावती नदी व रामपुरम नाले के बैक वाटर ने रास्ता रोक दिया हैं। यहां मुख्य मार्ग पर करीब 4 से 5 फीट पानी आ जाने से बीजापुर से तेलंगाना का सड़क संपर्क टूट गया है। दोनो तरफ फंसे यात्रियों को प्रशासन ने आश्रमों में रुकवाने की व्यवस्था की है। वही कांग्रेस का एक दल भी यात्रियों की मदद को पहुंचकर उन्हें खाना पानी मुहैया कराया है। छत्तीसगढ़ की सरहद पर तालपेरु नाला भी अपने पूरे शबाब पर चल रहा है।