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मोदी सरकार 2026 से पहले वामपंथी उग्रवाद पूरी तरह से समाप्त करने पर कटिबद्ध- शाह

रायपुर 24 अगस्त।केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने वामपंथी उग्रवाद को चुनौती के रूप में लिया है और देश से मार्च 2026 तक इस समस्या के खात्मे के प्रति कटिबद्ध है।

     श्री शाह ने आज यहां नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों के साथ वामपंथी उग्रवाद पर समीक्षा बैठक और अंतर्राज्यीय समन्वय बैठक की अध्यक्षता करने के बाद प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ लड़ाई अंतिम दौर में है। उन्होंने कहा कि वामपंथी उग्रवाद देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था के सामने सबसे बड़ी चुनौती है और मोदी सरकार ने वामपंथी उग्रवाद को चुनौती के रूप में लिया है और देश से इस समस्या के खात्मे के प्रति कटिबद्ध है।

     उन्होने कहा कि मोदी सरकार ने वामपंथी उग्रवाद की विचारधारा के स्थान पर लोगों में विकास के प्रति विश्वास जगाने का काम किया है।उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार वामपंथी उग्रवाद के पैदा हुई विकास के अभाव की खाई को पाटने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। श्री शाह ने बताया कि मोदी सरकार की दृढ़ता के कारण, 2019 से 2024 के दौरान कई राज्य वामपंथी उग्रवाद से लगभग पूरी तरह मुक्त हुए हैं।

       श्री शाह ने कहा कि 2022 में पहली बार चार दशकों में वामपंथी हिंसा के कारण मृत्यु की संख्या 100 से कम हुई है। उन्होंने बताया कि  2022 से 2024 के बीच सबसे कम वामपंथी उग्रवाद से संबंधित हिंसक घटनाएं दर्ज की गई हैं। श्री शाह ने कहा कि वर्ष 2010 में जहां मृत्यु की संख्या सर्वाधिक 1005 दर्ज की गई थी, वहीं ये संख्या 2023 में घटकर 138 रह गई। उन्होंने  कहा कि सुरक्षा बलों की कमी दूर करने और नक्सलियों के आर्थिक पोषण पर कड़ा प्रहार हुआ है। उन्होंने कहा कि वामपंथी उग्रवाद को सीमित करना देश के सुरक्षाबलों और लोकतंत्र की विजय है।

       श्री शाह ने कहा कि बस्तरिया बटालियन का गठन 2017 में सीआरपीएफ में किया गया था जिसमें सभी जवान बस्तर क्षेत्र के थे। उन्होंने बताया कि केन्द्रीय मंत्रिमंडल से मंज़ूरी लेकर 2022 में एक विशेष अभियान के तहत दांतेवाड़ा, सुकमा और बीजापुर से 400 आदिवासी जवानों की इस बटालियन में भर्ती की गई थी।

     गृह मंत्री ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षाबल इस समस्या से लड़ने के साथ-साथ विकास कार्यों की निगरानी भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के पिछले 10 साल में छत्तीसगढ़ में कनेक्टिविटी, सड़क निर्माण और वित्तीय समायोजन की दिशा में बहुत काम हुआ है। श्री शाह ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार जल्द ही नई आत्मसमर्पण नीति लाएगी जिससे युवा हथियार छोड़कर विकास की मुख्यधारा में शामिल हो सकेंगे।

     उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने सभी सरकारी योजनाओं का शत-प्रतिशत सैचुरेशन करने के लिए मार्च, 2025 का लक्ष्य रखा है।श्री शाह ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद के कारण निरक्षर रह गये लोगों को शिक्षित करने के लिए गृह मंत्रालय और छत्तीसगढ़ सरकार मिलकर अभियान चलाएगी।