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छत्तीसगढ़: महादेव सट्टेबाजी एप घोटाले की अब सीबीआई करेगी जांच

महादेव सट्टेबाजी एप ‘घोटाले’ को लेकर दर्ज मामलों की जांच अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) करेगा। छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने बताया कि राज्य सरकार ने इस मामले को सीबीआई को सौंपने का फैसला किया है। सरकार ने पिछले हफ्ते इस संबंध में सहमति देते हुए अधिसूचना जारी की थी।

विजय शर्मा ने सोमवार को कहा कि कथित महादेव एप घोटाले से संबंधित 70 मामले राज्य के विभिन्न पुलिस थानों में और एक मामला आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) में दर्ज किया गया था। हमने इन सभी मामलों को सीबीआई को सौंपने का फैसला किया है और इस संबंध में एक अधिसूचना जारी की गई है।

उन्होंने कहा कि यह मुद्दा (महादेव सट्टेबाजी एप घोटाला) केवल एक राज्य के बजाय कई राज्यों का मामला बन गया है। ऐसा कहा जाता है कि कथित घोटाले के कुछ ‘किंगपिन’ विदेश में हैं। अब सीबीआई इस मामले की गंभीरता से जांच करेगी। इस मामले में कोई ढील नहीं दी जाएगी और सख्ती से कार्रवाई की जाएगी। मुझे विश्वास है कि जो लोग विदेश में हैं उन्हें वापस लाने के लिए कार्रवाई की जाएगी।

राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ के गृह विभाग ने इस संबंध में 22 अगस्त को एक अधिसूचना जारी की थी। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पिछले एक साल से भी अधिक समय से महादेव एप से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामलों की जांच कर रहा है। ब्यूरो

ये मामले राज्य में भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान सामने आए थे। प्रदेश में भाजपा के सत्ता में आने के बाद ईओडब्ल्यू ने ईडी की ओर से सौंपी गई रिपोर्ट के आधार पर मार्च में भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी (आपराधिक साजिश), 420 (धोखाधड़ी) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की थी। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेश बघेल, एप के प्रमोटर रवि उप्पल, सौरभ चंद्राकर, शुभम सोनी और अनिल कुमार अग्रवाल तथा 14 अन्य को ईओडब्ल्यू की प्राथमिकी में आरोपी बनाया गया है। बघेल ने प्राथमिकी को राजनीति से प्रेरित बताया था।