हरियाणा में पूर्व मंत्री रामबिलास शर्मा को अपनी खुद की टिकट कटने का खतरा सता रहा हैं। शर्मा महेंद्रगढ़ सीट से मजबूत दावेदार होने के बावजूद पार्टी ने इस सीट पर पहली लिस्ट में प्रत्याशी की घोषणा की बजाए होल्ड कर दी। रामबिलास शर्मा की तरफ से सोशल मीडिया पर एक पोस्ट जारी कर जानकारी दी गई कि 6 सितंबर को दोपहर 12 बजे जयराम सदन महाराणा प्रताप चौक पर प्रो. रामबिलास शर्मा आगामी चुनाव के लिए अपने सभी कार्यकर्ताओं-परिवार के सदस्यों के साथ जरूरी बैठक लेंगे।
बता दें कि रामबिलास शर्मा हरियाणा बीजेपी के सीनियर नेताओं में से एक हैं। पार्टी के बुरे दौर में भी शर्मा 4 बार विधायक चुने गए। उनके साथी पूर्व गृहमंत्री अनिल विज को 67 प्रत्याशियों की पहली सूची में अंबाला कैंट सीट से टिकट मिल चुकी हैं लेकिन रामबिलास शर्मा का इस सूची में नाम नहीं हैं। महेंद्रगढ़ सीट पर इस बार बदलाव की चर्चा ज्यादा हैं। यहां रामबिलास शर्मा के अलावा पार्टी के दूसरे नेता देंवेद्र यादव का नाम भी चल रहा हैं। जिसके चलते रामबिलास शर्मा को टिकट कटने का खतरा हैं। रामबिलास शर्मा 1991 और 2013 में दो बार पार्टी के अध्यक्ष रहने के साथ ही 5 बार एमएलए बने हैं।
2014 में रामबिलास शर्मा के पार्टी प्रदेशाध्यक्ष रहते हुए ही बीजेपी ने पहली बार हरियाणा में अपने दम पर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी। उस वक्त रामबिलास शर्मा सीएम पद की रेस में सबसे आगे थे। लेकिन पार्टी ने उनकी दावेदारी को दरकिनार करते हुए मनोहर लाल खट्टर को सीएम बनाया था।
2019 में चुनाव हार चुके शर्मा
हालांकि वह मनोहर लाल खट्टर की सरकार में दूसरे सबसे पावरफुल मंत्री थे। 2019 के चुनाव में वह महेंद्रगढ़ सीट से कांग्रेस के राव दान सिंह से हार गए। रामबिलास शर्मा की उम्र भी काफी ज्यादा हो गई हैं। ऐसे में वह इस बार खुद या बेटे गौतम शर्मा के लिए टिकट की दावेदारी कर रहे थे। लेकिन पार्टी किसी दूसरे चेहरे को टिकट देने पर विचार कर रही हैं। इसी संभावना के बीच टिकट की घोषणा से पहले रामबिलास शर्मा ने कार्यकर्ताओं की मीटिंग बुला ली हैं।