आमतौर पर 15 सितंबर से वापसी करने वाला मानसून एक बार फिर से सक्रिय हो गया है। ऐसा बंगाल की खाड़ी में एक के बाद एक बन रहे चक्रवात की वजह से हुआ है। पिछले 24 घंटे में इस सीजन की सबसे अधिक 46 मिमी बारिश रिकाॅर्ड की गई। इससे पहले 26 मई को एक दिन में 44.2 मिमी बारिश हुई थी। अभी चार दिन और झमाझम बारिश का अनुमान है।
मौसम विभाग के अनुसार इस बार अक्तूबर के दूसरे सप्ताह तक बारिश का क्रम रुक-रुककर जारी रह सकता है। मौसम विज्ञानी डॉ. एसएन पांडेय के अनुसार पिछले पांच वर्षों में पहली बार ऐसा मौसम बना है, जिसमें मानसून की सक्रियता पांच सितंबर के बाद भी लगातार बनी हुई है।
इसकी मुख्य वजह बंगाल की खाड़ी में बनने वाले चक्रवात और दक्षिण-पश्चिमी हवाएं हैं। यही वजह है कि इस बार बारिश ज्यादा दिनों तक चलेगी और ठंड का समय जल्दी शुरू हो जाएगा। पिछले सीजन की अपेक्षा इस सीजन में अभी तक 92 मिमी बारिश अभी तक ज्यादा हो चुकी है।
पिछले वर्ष से ज्यादा बरसा इस सीजन में पानी
इस बार पिछले सीजन की अपेक्षा अभी तक ज्यादा बारिश हो चुकी है। पिछले वर्ष कुल बारिश 598.6 मिमी हुई थी, इस बार अभी तक 688 मिमी बारिश हो चुकी है। इससे पहले वर्ष 2022 में पूरे सीजन में कुल बारिश की मात्रा 807.5 मिमी दर्ज हुई थी। सीजन में 550 मिमी से ऊपर बारिश आदर्श मानी जाती है।
जाम लगा, सड़कें भरीं, बिजली गुल
बारिश की वजह से शहर की कई सड़कों पर जलभराव हो गया। जूही खलवा पुल भी भर गया। बीच में जब बारिश बंद हुई तो लोगों की भीड़ सड़क पर निकल पड़ी। इससे जाम भी लगा। वहीं बारिश और तेज हवाओं की वजह से 100 से अधिक मोहल्लों की बिजली घंटों गुल रही।
प्रभावित होगी दलहनी फसल
बारिश लगातार जारी रहने से दहलनी फसलों पर बुरा असर पड़ रहा है। बारिश से खेत की मिट्टी गीली हो गई है, जिससे फसलें पकने के बावजूद, खेत से निकालने में मुश्किल आ रही है। फसलें टूटकर जमीन पर गिर रही हैं। इससे उत्पादन प्रभावित हो रहा है। कृषि व मौसम विशेष डाॅ एसएन पांडेय के अनुसार तिल अरहर, चना जैसी दलहनी फसलों पर बारिश का असर अच्छा नहीं है।