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अमित शाह ने की ‘श्वेत क्रांति-2.0’ की शुरुआत, डेयरी सेक्टर को मिलेगा बूस्ट

भारत के दुग्ध सहकारी क्षेत्र में व्यापक बदलाव की पहल करते हुए केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को ‘श्वेत क्रांति-2.0’ की शुरुआत की। उन्होंने इसे महिला किसानों को सशक्त बनाने एवं रोजगार सृजन के अवसर पैदा करने के उद्देश्य से बड़ी पहल बताया।

नई दिल्ली में गुरुवार को राष्ट्रीय स्तर के एक सम्मेलन में सहकारिता मंत्रालय के सौ दिनों की विभिन्न परिवर्तनकारी पहलों की श्रृंखला के उद्घाटन में अमित शाह ने चार प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया। इसमें महिला किसानों को सशक्त बनाना, दूध उत्पादन बढ़ाना, डेयरी क्षेत्र के बुनियादी ढांचे को मजबूत करना एवं दुग्ध निर्यात को प्रोत्साहित करना शामिल है।

गो-पालकों की आजीविका में उल्लेखनीय वृद्धि होगी
उन्होंने दो लाख नए पैक्सों (प्राथमिक कृषि साख समितियां), डेयरी एवं मत्स्य सहकारी समितियों के गठन एवं उनके सुदृढ़ीकरण की मानक संचालन प्रक्रिया के साथ सहकारी समितियों के बीच सहयोग से जुड़ी मार्गदर्शिका भी जारी की। उन्होंने एक लाख नई और मौजूदा जिला सहकारी समितियों, बहुउद्देश्यीय जिला सहकारी समितियों एवं बहुउद्देश्यीय पैक्सों की स्थापना का लक्ष्य भी दिया। विश्वास भी दिलाया कि पैक्स अब बंद नहीं होंगे।

सम्मेलन को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि डेयरी सहकारी समितियां अगले पांच वर्ष के भीतर प्रतिदिन एक हजार लाख किलो दूध की खरीद करने लगेंगी। इससे किसानों एवं गो-पालकों की आजीविका में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। इससे सहकारी क्षेत्र का विस्तार भी होगा।

दूध उत्पादन में भारत का स्थान विश्व में पहला
उन्होंने कहा कि डेयरी क्षेत्र में अधिकतर महिलाएं काम कर रही हैं। इनमें सिर्फ गुजरात में ही 60 हजार करोड़ रुपये का कारोबार किया जा रहा है। नई पहल से महिलाओं को कुपोषण के विरुद्ध लड़ाई में धार आएगी। दुग्ध सहकारी क्षेत्र को प्रारंभ में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) स्वयं के संसाधनों से इस पहल को वित्तपोषित करेगा, जो एक हजार पैक्सों को 40 हजार रुपये प्रति-पैक्स देगा।

अमित शाह ने कार्यक्रम के लिए पूर्ण बजटीय समर्थन देने का आश्वासन दिया और कहा कि यह सरकार के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता का क्षेत्र है। अमित शाह ने कहा कि सहकारिता के जरिए गांवों के विकास की रफ्तार बढ़ी है। अलग मंत्रालय बनाने से गांवों-जिलों में अप्रासंगिक होते जा रहे सहकारिता क्षेत्र को संबल मिला है। आजादी के बाद सात दशकों में केंद्र सरकार की अनदेखी के कारण देश में सहकारिता आंदोलन लगभग अप्रासंगिक होता जा रहा था। प्रशासन, अर्थव्यवस्था एवं अन्य सहकारी क्षेत्रों में हो रहे परिवर्तनों को ध्यान में रखते हुए जो बदलाव की जरूरत थी, वह नहीं किया गया।

श्वेत क्रांति-2.0 से किसानों की आय बढ़ेगी
अमित शाह ने कहा कि अलग सहकारिता मंत्रालय बनाने की मांग अरसे से थी। मोदी सरकार ने इसे पूरा कर दिया। इसका उद्देश्य सभी गांवों और जिलों में सहकारी क्षेत्र को पुनर्जीवित करना है।

केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी एवं पंचायती राज मंत्री राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने कहा कि मत्स्य एवं पशुपालन से संबद्ध लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा था। इसके चलते श्वेत क्रांति-2.0 लांच किया गया। श्वेत क्रांति-2.0 से किसानों की आय बढ़ेगी। दूध उत्पादन में भारत का स्थान विश्व में पहला है। नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद लगभग दोगुनी वृद्धि के कारण यह संभव हुआ है।