अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक इंटरव्य में कहा कि वह रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से नाराज हैं। ट्रंप ने धमकी दी है कि अगर पुतिन यूक्रेन के साथ युद्ध खत्म करने पर सहयोग नहीं देते हैं तो वे रूसी तेल पर अतिरिक्त टैरिफ लगाएंगे।
मैं बहुत नाराज था: ट्रंप
ट्रंप ने कहा कि जब पुतिन ने जेलेंस्की की विश्वसनीयता पर सवाल उठाना शुरू किया तो मैं बहुत नाराज हुआ, क्योंकि यह सही दिशा में नहीं हो रहा था। मीट द प्रेस की होस्ट वेल्कर के साथ इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा कि रूस यूक्रेन में नया नेतृत्व चाहता है। मगर नए नेतृत्व का मतलब यह है कि आप लंबे समय तक कोई समझौता नहीं कर पाएंगे।
रूसी तेल पर टैरिफ लगाएंगे
सीएनएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप ने धमकी दी है कि समझौता नहीं होने पर रूस पर द्वितीयक टैरिफ लगाई जा सकती है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि अगर रूस और मैं यूक्रेन में रक्तपात रोकने के लिए कोई समझौता करने में असमर्थ हैं। अगर मुझे लगता है कि यह रूस की गलती की वजह से हुआ है तो मैं रूस से आने वाले सभी तेल पर द्वितीयक टैरिफ लगाऊंगा।
पुतिन से बातचीत को तैयार हैं ट्रंप
जब उनसे पूछा गया कि अगर रूस ने सही काम किया तो क्या आप पुतिन से बात करेंगे? ट्रंप ने हां में जवाब दिया। ट्रंप ने होस्ट वेल्कर को बताया कि पुतिन को पता कि मैं नाराज हूं। 25 फीसदी टैरिफ का एलान किसी भी वक्त हो सकता है। मैं इस हफ्ते पुतिन से बात करने की योजना बना रहा हूं। ट्रंप के बयान पर अभी तक रूस ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। मगर वह पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों को कई बार अवैध करार चुका है।
रूस नहीं मानता जेलेंस्की की वैधता
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को सुझाव दिया कि संयुक्त राष्ट्र की देखरेख में यूक्रेन में एक नया अस्थायी प्रशासन पेश किया जाना चाहिए। हालांकि संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने तुरंत रूस के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। रूसी अधिकारी बार-बार जेलेंस्की की वैधता पर सवाल उठाते रहे हैं। रूस का कहना है कि जेलेंस्की का कार्यकाल खत्म हो चुका है। अभी तक कोई चुनाव नहीं कराया गया है।
तीन साल पहले रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था। तब से वहां मार्शल लॉ लागू है। यूक्रेन के संविधान के मुताबिक मार्शल लॉ के दौरान चुनाव नहीं कराने का प्राविधान है।
भारत और चीन पर पड़ सकता असर
कुछ दिन पहले ट्रंप ने वेनेजुएला से तल और गैस खरीदने वाले देशों पर अमेरिकी आयात पर 25 फीसदी टैरिफ का एलान किया था। अब रूस से तेल खरीदने वाले देशों के साथ भी ऐसा ही एक्शन लेने की तैयारी है। अगर ट्रंप ने रूसी तेल पर टैरिफ की घोषणा की तो सबसे अधिक भारत और चीन के हितों को झटका लग सकता है। भारत मौजूदा समय में रूसी तेल का सबसे बड़ा खरीदार है।
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