हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने केंद्र सरकार को आदेश दिया है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी की नागरिकता के मुद्दे को उठाने वाले कर्नाटक के एस विग्नेश शिशिर को केंद्रीय सशत्र पुलिस बलों के निजी सुरक्षा अफसर की हर समय की सुरक्षा प्रदान करे। साथ ही केंद्र समेत अन्य पक्षकारों को निर्देश दिया कि 9 अक्तूबर तक याची के उस प्रत्यावेदन पर लिए गए निर्णय के साथ जवाबी हलफनामा दाखिल करें, जिसे प्रधानमंत्री कार्यालय से केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजा गया था।
न्यायमूर्ति संगीता चंद्रा और न्यायमूर्ति बृजराज सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश एस विग्नेश शिशिर की याचिका पर दिया। याची का कहना था कि उसने राहुल गांधी की कथित ब्रिटिश नागरिकता के मुद्दे पर हाईकोर्ट में याचिकाएं दाखिल की थीं। इसके अलावा देश में कई जगह मुकदमों की कार्यवाही में उसे पेश होना पड़ता है। राहुल और प्रियंका गांधी के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ने से उसे धमकियां मिल रहीं हैं और कई बार उसपर हमला भी हुआ। ऐसे में उसने वाई प्लस सुरक्षा मुहैया कराने के निर्देश केंद्रीय गृहमंत्रालय को देने का आग्रह किया था।
उधर, केंद्र की ओर से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय ने कोर्ट को बताया कि गवाहों की सुरक्षा की एक योजना है और चूंकि, याची को धमकियां मिली हैं, ऐसे में अदालत याची को अपना मुकदमा लड़ने के लिए सुरक्षा मुहैया कराने का आदेश दे सकती है। सुनवाई के बाद कोर्ट ने अंतरिम रूप से केंद्र को निर्देश दिया कि याची को केंद्रीय सशत्र पुलिस बलों के निजी सुरक्षा अफसर की हर समय की सुरक्षा प्रदान करे।
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