रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को तीनों सेनाओं के पहले महिला जलयात्रा अभियान को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। तीनों सेनाओं की दस महिला अधिकारी अगले नौ महीने के दौरान दुनिया के कुछ खतरनाक जल क्षेत्रों समेत लगभग 26 हजार नॉटिकल मील की दूरी तय करेंगी।
दस महिला अधिकारी आइएएसवी त्रिवेणी से रवाना हुई हैं
वे आइएएसवी त्रिवेणी से रवाना हुई हैं। समुद्री मार्ग से विश्व भ्रमण के इस अभियान को ‘समुद्र प्रदक्षिणा’ नाम दिया गया है। दुनिया में इस तरह की यह पहली त्रि-सेवा यात्रा बताई जा रही है।
यह अभियान मुंबई के गेटवे आफ इंडिया से शुरू हुआ और रक्षा मंत्री ने इसे दिल्ली से वर्चुअली झंडी दिखाकर रवाना किया। राजनाथ ने अपने संबोधन में इस यात्रा को ‘नारी शक्ति’ का एक प्रतीक बताया, जो तीनों सेनाओं की सामूहिक शक्ति और एकता, आत्मनिर्भर भारत और इसके सैन्य व कूटनीतिक दृष्टिकोण को दर्शाता है।
दो बार भूमध्य रेखा को पार करेंगी
जबकि रक्षा मंत्रालय ने बताया, ‘अगले नौ महीनों में 10 महिला अधिकारी स्वदेशी नौकायन पोत आइएएसवी त्रिवेणी से लगभग 26 हजार नॉटिकल मील की यात्रा करेंगी। वे दो बार भूमध्य रेखा को पार करेंगी और तीन प्रमुख केप लीउविन, हॉर्न, और गुड होप को पार करेंगी।
अगले वर्ष मई में मुंबई लौटेगी
इस अभियान में वे प्रमुख महासागरों से होकर गुजरेंगी और ड्रेक पैसेज जैसे दुनिया के सबसे खतरनाक समुद्री इलकों में भी यात्रा करेंगी।’ यह अभियान लगभग नौ महीने में पूरा होने की संभावना है। यह टीम चार विदेशी बंदरगाहों पर रुकेगी और अगले वर्ष मई में मुंबई लौटेगी।
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