पांच तरह से फर्जीवाड़ा कर यूकेएसएसएससी की सहकारी निरीक्षक भर्ती परीक्षा देने की कोशिश कर रहा मोदीनगर का सुरेंद्र शनिवार को गिरफ्तार हो गया। आरोपी ने अपनी उम्र कम दर्शाने के लिए दो बार हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा दी थी। उसी आधार पर स्नातक की परीक्षा भी पास की। उसने परीक्षा के लिए तीन अलग अलग मोबाइल नंबर और अन्य जानकारियों के आधार पर तीन आवेदन किए थे। आरोपी के खिलाफ शुक्रवार को रायपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि पांच अक्तबर को प्रस्तावित परीक्षा से पहले उसने देहरादून, टिहरी और हरिद्वार के परीक्षा केंद्रों के लिए आवेदन किया था। एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि उसने किस तरह से ये सब कागजात फर्जी बनवाए इसे भी जांच में शामिल किया जा रहा है।
तीन जिलों से किया आवेदन
आयोग के अधिकारियों ने एक अभ्यर्थी के आवेदन को संदिग्ध पाया था। इसकी एसओजी से जांच कराई गई तो पता चला कि मोदीनगर के गांव कनकपुर भोजपुर निवासी सुरेंद्र ने तीन बार आवेदन किया है। फर्जी प्रमाणपत्रों का उपयोग कर अलग-अलग केंद्रों से अपना रजिस्ट्रेशन कराया। उसने देहरादून के पते पर एक स्थायी प्रमाणपत्र भी बनवाया। यह भी फर्जी है।
- उम्र कम करने के लिए हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा दोबारा दी।
- 2012 में बीए करने के बाद नए दस्तावेज के आधार पर वर्ष 2018 में दोबारा सोलन हिमाचल प्रदेश से बीए किया।
- बालावाला देहरादून के पते पर एक फर्जी स्थायी प्रमाणपत्र बनवाया।
- आवेदनों में पिता का नाम तीन तरह से बदल-बदलकर लिखा।
- आवेदन के लिए सेवायोजन विभाग की फर्जी इंप्लाई आईडी बनाई।