मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण (बीडा) क्षेत्र में एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क विकसित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि बीडा न केवल झांसी बल्कि पूरे बुंदेलखंड क्षेत्र में औद्योगिक क्रांति का नया केंद्र बनेगा। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि बुंदेलखंड अब पिछड़ेपन की परिभाषा नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश की प्रगति और आत्मनिर्भरता का प्रतीक बनेगा।
मुख्यमंत्री बुधवार को बीडा की प्रगति की उच्चस्तरीय समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि बीडा क्षेत्र में भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही अगले छह माह के भीतर पूरी कर ली जाए। इसके लिए एक सप्ताह के अंदर रजिस्ट्री और राजस्व से जुड़े अतिरिक्त कार्मिकों की तैनाती और 15 दिनों में इंजीनियर व टाउन प्लानर की नियुक्ति सुनिश्चित करें। सीएम ने कहा कि बीडा को ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस और रोजगार सृजन का आदर्श मॉडल बनाना सरकार की प्राथमिकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बीडा में एयरपोर्ट के लिए उपयुक्त भूमि चिह्नित की जाए और एनएचएआई से समन्वय कर आगरा–ग्वालियर ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे को झांसी/बीडा तक बढ़ाने की योजना पर काम तेज किया जाए। साथ ही दिल्ली–चेन्नई की चतुर्थ रेलवे लाइन के तहत बीडा क्षेत्र में नया रेलवे स्टेशन बनाने की दिशा में भी तेजी लाने को कहा। उन्होंने दिल्ली–नागपुर इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का एक नोड बीडा में विकसित करने और मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क बनाने की भी आवश्यकता जताई।
उन्होंने यूपीडा को निर्देश दिए कि बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को बीडा से जोड़ने के लिए लिंक एक्सप्रेसवे का एलाइनमेंट जल्द तय किया जाए, जिससे निवेशक और उद्योगों के लिए बेहतर कनेक्टिविटी सुनिश्चित हो सके। बैठक में बताया गया कि बीडा के गठन के लिए कुल 56662 एकड़ क्षेत्रफल अनुमोदित किया गया है, जिसमें से 22028 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जा चुका है। भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया को पारदर्शी और डिजिटल बनाने के लिए बीडा ने विशेष सॉफ्टवेयर तैयार किया है, जिससे किसानों की सहमति से लेकर भुगतान तक की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। किसानों की सुविधा के लिए अगले माह से कॉल सेंटर की स्थापना भी की जा रही है। मुख्यमंत्री ने इस पहल को सराहनीय बताया।
253 वर्ग किमी भूमि उपयोग का खाका तैयार
बीडा के मास्टर प्लान-2045 को बोर्ड की संस्तुति मिल चुकी है, जिसके तहत औद्योगिक (35.8%), आवासीय (15.2%), मिश्रित उपयोग (5.1%), वाणिज्यिक (1.5%) और हरित क्षेत्र (10.6%) सहित कुल 253.33 वर्ग किमी भूमि उपयोग का खाका तैयार किया गया है। सभी आठ सेक्टरों की जोनिंग और सेक्टर प्लानिंग 30 नवंबर तक पूरी करने का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री ने बुनियादी ढांचे की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि सड़क, सीवेज, जल निकासी, ठोस अपशिष्ट निस्तारण और बिजली वितरण के कार्य मिशन मोड में पूरे किए जाएं। उन्होंने कहा कि बीडा को एनएच-27 और एनएच-44 से जोड़ने वाली सड़क योजनाओं को अंतिम रूप दिया जा रहा है, जिससे कनेक्टिविटी और निवेश दोनों को मजबूती मिलेगी।
गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण दिसंबर तक करें पूरा : योगी
गंगा एक्सप्रेसवे
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को उत्तर प्रदेश इंडस्ट्रियल एक्सप्रेसवे डेवलपमेंट अथॉरिटी (यूपीडा) की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में कहा कि एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था और औद्योगिक भविष्य की रीढ़ हैं। गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण दिसंबर तक हर हाल में पूरा कराने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ें ताकि राज्य के पश्चिमी और पूर्वी अंचलों के बीच बेहतर कनेक्टिविटी स्थापित हो सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक परियोजना की प्रगति की साप्ताहिक समीक्षा हो और कार्य की गुणवत्ता पर किसी प्रकार का समझौता न हो।
बैठक में गंगा एक्सप्रेसवे के विस्तार स्वरूप प्रस्तावित मेरठ-हरिद्वार लिंक एक्सप्रेसवे, नोएडा-जेवर लिंक एक्सप्रेसवे, चित्रकूट-रीवा लिंक एक्सप्रेसवे व प्रयागराज, मिर्जापुर, वाराणसी, चंदौली और सोनभद्र तक प्रस्तावित विंध्य एक्सप्रेसवे व विंध्य-पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेसवे के रूट पर विस्तार से चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन नए एक्सप्रेसवे की योजना बनाते समय भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की ओर से प्रस्तावित एक्सप्रेसवे और हाईवे नेटवर्क का पूरा ध्यान रखा जाए।
मुख्यमंत्री ने डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर से जुड़े सभी नोड (लखनऊ, कानपुर, झांसी, आगरा, अलीगढ़ और चित्रकूट) में स्किल डेवलपमेंट सेंटर की स्थापना के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन केंद्रों के माध्यम से स्थानीय युवाओं को तकनीकी प्रशिक्षण देकर रक्षा उद्योग से जोड़ना चाहिए, जिससे रोजगार सृजन के साथ ही क्षेत्रीय आत्मनिर्भरता को बल मिलेगा। बैठक में बताया गया कि डिफेंस कॉरिडोर के लिए अब तक लगभग 30819 करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिल चुके हैं। 5039 एकड़ भूमि अधिग्रहीत की जा चुकी है।
तीन साल में उपयोग नहीं तो रद्द होगा भूमि आवंटन
सीएम ने कहा कि भूमि आवंटन के तीन वर्ष के भीतर अगर निवेशक उसका उपयोग नहीं करता है तो ऐसा आवंटन स्वतः निरस्त किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि भूमि उपयोग की निगरानी की पारदर्शी व्यवस्था बनाई जाए और निवेशक को केवल वास्तविक प्रगति की स्थिति में ही आगे की सुविधाएं दी जाएं। बैठक में यह भी बताया गया कि एक्सप्रेसवे के किनारे विकसित हो रहे औद्योगिक क्लस्टर और लॉजिस्टिक पार्कों में निवेश आकर्षित करने के लिए यूपीडा ने बिजली, जल आपूर्ति, ट्रक टर्मिनल और हेल्थ-इमरजेंसी सुविधाओं की व्यवस्था के लिए समयबद्ध योजना बनाई है।
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