अमेरिका के मिनियापोलिस में फेडरल एजेंट्स ने इस सप्ताह अवैध रूप से रह रहे लोगों के खिलाफ बड़े पैमाने पर छापेमारी की। इस छापेमारी में 12 लोगों को गिरफ्तार किया। इस कार्रवाई का मुख्य लक्ष्य सोमाली समुदाय के अवैध प्रवासियों पर था, लेकिन गिरफ्तार लोगों में केवल पांच सोमाली थे। बाकी में छह मेक्सिकन और एक एल साल्वाडोर का नागरिक था।
बता दें कि मिनियापोलिस-सेन्ट पॉल क्षेत्र में अमेरिका की सबसे बड़ी सोमाली समुदाय रहती है। ट्रंप प्रशासन ने इससे पहले शिकागो, लॉस एंजिलिस और चार्लोट में भी बड़े पैमाने पर निर्वासन अभियान चलाया था। इसी तरह इस सप्ताह न्यू ऑरलियन्स में भी कार्रवाई की गई है, जहां अधिकारी 5,000 लोगों तक को गिरफ्तार करने की योजना बना रहे हैं।
गिरफ्तार लोगों में कुछ पर पहले से ही मामले दर्ज
मामले में डीएचएस की सहायक सचिव ट्रिशिया मैक्लॉगलिन ने कहा कि गिरफ्तार किए गए 12 लोगों में से अधिकांश सबसे बड़े अपराधी अवैध प्रवासी हैं। इनमें से आठ पर हिंसा, धोखाधड़ी, घरेलू हिंसा और नशे में ड्राइविंग जैसे मामले थे।
वहीं मिनियापोलिस के मेयर जैकब फ्रे ने कहा कि शहर की पुलिस फेडरल इमिग्रेशन अभियान में भाग नहीं लेगी। इसके बावजूद डीएचएस की मैक्लॉगलिन ने फ्रे और वाल्ज़ पर आरोप लगाया कि उन्होंने इमिग्रेशन कानून लागू नहीं किया और नागरिकों की सुरक्षा को खतरे में डाला।
ट्रंप की आलोचना और विवाद क्यों?
गौरतलब है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में सोमाली प्रवासियों को सार्वजनिक रूप से कचरा कहा। साथ ही कहा कि वे देश के लिए योगदान नहीं करते। उन्होंने मिनेसोटा के डेमोक्रेटिक गवर्नर टिम वाल्ज पर भी आरोप लगाया कि उनके कार्यकाल में सरकारी कार्यक्रमों में धोखाधड़ी हुई और इससे एक सोमाली कट्टरपंथी समूह को धन पहुंचा। इस छापेमारी और ट्रंप की टिप्पणियों की स्थानीय और राज्य अधिकारियों ने तीखी आलोचना की है।
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